Friday, May 17, 2024
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स्वास्थ्य

चिंताजनक है डेंगू का बढ़ता प्रकोप

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप से हम अभी तक उबरे भी नहीं हैं और विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को लेकर भी बार-बार चेता रहे हैं, ऐसे विकट दौर में डेंगू ने जो कोहराम मचाना शुरू किया है, उससे चिंता बढ़ने लगी है। इन दिनों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान सहित देश के कई राज्यों के अनेक इलाके डेंगू और वायरल बुखार के कोप से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। डेंगू के एक नए प्रतिरूप ने तो स्वास्थ्य तंत्र के समक्ष एक नई और गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। डेंगू नामक बीमारी कितनी भयावह हो सकती है, उसका अनुमान इसी पहलू से आसानी से लगाया जा सकता है कि समय से उपचार नहीं मिलने के कारण डेंगू पीडि़त व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। बीते दिनों देश के विभिन्न राज्यों और विशेषकर उत्तर प्रदेश में डेंगू से पीडि़त हुए कई मरीजों की मौत के आंकड़े इसकी पुष्टि भी करते हैं।

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पोषण प्रबंधन से नियंत्रित होगा मोटापा और डायबिटीज

न्यूट्रोबोलिज्म पर प्रथम अंतरराष्ट्रीय सेमिनार संपन्न
मुम्बई। मोटापे और डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए कुशल पोषण प्रबंधन ही कारगर उपाय है। उचित पोषण के माध्यम से सेहतमंद रहने के तरीके को बढ़ावा देने और मोटापे व डायबिटीज के बढ़ते रोग को रोकने संबंधी विषयों पर एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार यहाँ मुंबई में पवई स्थित रेनासंस होटल में संपन्न हुआ। सुप्रसिद्ध न्यूट्रोबाॅलिस्ट डॉ शशांक शाह और एलओसी की पहल पर आयोजित यह प्रथम न्यूट्रीबोलिज्म इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑनलाइन हुई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे सहित देश-विदेश से अनेक पोषण विशेषज्ञों ने इसमें अपनी महत्वपूर्ण विचार पेश किए।

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अनेक रोगों की जड़ है कब्ज

अर्वाचीन मानव जाने-अनजाने प्रकृति से विमुख होता जा रहा है। अशुद्ध आहार, प्रकृति से संघर्ष एवं अप्राकृतिक जीवन के कारण मनुष्य नाना प्रकार के रोगों का शिकार बन रहा है। इन्हीं रोगों में एक है ‘कब्जियत’ जिसने लगभग 70 प्रतिषत लोगों को चंगुल में फंसा रखा है।
प्राचीन चिकित्साविदो से लेकर आधुनिक चिकित्साशास्त्रियों तक ने एक स्वर में इस तथ्य को स्वीकार किया है कि ‘पेट मानव का भंडार घर है और कब्ज रोगों की जड़’। साधारण समझा जाने वाला यह मर्ज वाकई बहुत नुकसानदेह है। कब्ज के कारण अल्सर, बवासीर, यकृतदोष, पेटदर्द, सिरदर्द, घबराहट, अजीर्ण आदि अनेक रोगों के होने की आशंका बढ़ जाती है। कब्ज की बीमारी में स्वाभाविक ढंग से मल साफ नहीं होता है और इसका बुरा प्रभाव यकृत और आंतों पर सबसे पहले पड़ता है।

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संतुलित खानपान और जीवनशैली से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं

कभी-कभी बीमार होना सामान्य बात है, पर कई लोग ऐसे होते हैं जो अक्सर ही बीमार रहते हैं। ऐसा या तो रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से होता है या उन्हें एलर्जी की शिकायत होती है। लेकिन बार-बार बीमार पड़ना न केवल हमारे शरीर बल्कि हमारे दिमाग को भी प्रभावित करता है। इससे व्यक्ति धीरे-धीरे कमजोर और चिड़चिड़ा हो जाता है। संक्रामक तो वजह है ही मौसम बदलने और एलर्जी की वजह से भी लोग बीमार पड़ते हैं, पर कुछ लोग इन सब चीजों से दूसरों की अपेक्षा ज्यादा प्रभावित होते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से होता है।

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CHC के समानांतर चल रही क्लीनिक के आरोपी को 3 दिन की मिली मोहलत

कारनामा वायरल होने के बाद जागा स्वास्थ विभाग, क्लीनिक पर चस्पा हुई नोटिस
रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। सड़क के किनारे सीएचसी के समानांतर दूसरे के नाम की डिग्री बोर्ड पर लिखकर इलाज का व्यवसाय करने वाले झोलाछाप के विरुद्ध आखिरकार स्वास्थ विभाग की नींद टूट गई है। शनिवार को सीएचसी अधीक्षक ने झोलाछाप की दुकान पर नोटिस चस्पा कर तीन दिन के अंदर जवाब अभिलेख तलब किया है।
मामला रोहनियां सीएचसी के पास हनुमानगंज पुल के पास चल रही एक दवा की दुकान का है। कई वर्षों से यहां पर एक झोलाछाप सीएचसी के समानांतर अस्पताल चला रहा था।

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नींबू ! तुझमें अपार गुण

नींबू भारतवर्ष में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यह भारत में सर्वत्र पाया जाता है तथा फलाहार योग्य न होने पर भी फलों में सर्वाधिक उपयोगी है। इसके तने की लम्बाई 5-7 फुट होती है। औषधीय उपयोग के अतिरिक्त इसका उपयोग अचार, सलाद और स्क्वैष आदि बनाने में किया जाता है। बरसात और ग्रीष्म ऋतु में नींबू का उपयोग लाभदायक होता है। विविध व्याधियों, व्यंजन और सफाई में उपयोगी होने के कारण प्रत्येक घर में इसकी उपस्थिति अनिवार्य प्राय हो गई है।

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दुनिया को भारत की सौगात, एम-योगा ऐप से अलग-अलग भाषाओं में होगा योग का प्रसार

सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 की थीम, मानव तंदुरुस्ती और कल्याण के लिए योग – भारत के लिए सौभाग्य की बात – एड किशन भावनानी
वैश्विक महामारी कोविड-19 के बीच 21 जून 2021 को योग दिवस को पूरे विश्व में बहुत उत्तेजना, उत्साह खुशी और एक स्वास्थ्य डोज़ के रूप में मनाकर दिखा दिया कि स्वस्थ्य जीवन के लिए योग का कितना महत्व है। भारत के पीएम ने भी कहाहै कि वैश्विक महामारी के दौरान दुनिया के लिए, योग एक उम्मीद की किरण और इस मुश्किल समय में आत्मबल का स्त्रोत बना रहा और योग हमें तनाव से शक्ति का और नकारात्मकता से रचनात्मकता का रास्ता दिखाता है। चिकित्सा विज्ञान जितना उपचार पर ध्यान केन्द्रित करता है, उतना व्यक्ति को निरोगी बनाने पर भी करता है और योग ने लोगों को स्वस्थ बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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महामारी के दौरान ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में कमी?

( देश के अधिकांश स्वास्थ्य केंद्र अकुशल या अर्ध-कुशल पैरामेडिक्स द्वारा चलाए जाते हैं और ग्रामीण सेटअप में डॉक्टर शायद ही कभी उपलब्ध होते हैं। आपात स्थिति में मरीजों को अपने जान पहचान के देखभाल अस्पताल भेजा जाता है जहां वे अधिक भ्रमित हो जाते हैं और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बिचौलियों के एक समूह द्वारा आसानी से धोखा खा जाते हैं। )
2020 में पहली लहर की तुलना में, 2021 की दूसरी लहर में ग्रामीण हिस्सों में संक्रमण और मौतों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है, जो देश की 1.3 बिलियन आबादी का 65% है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की अनिश्चित स्थिति को देखते हुए, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने सरकार से इन क्षेत्रों में परीक्षण और टीकाकरण को प्राथमिकता देने के लिए कहा है। भारतीय ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को तीन स्तरीय प्रणाली के रूप में विकसित किया गया है।

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ऐसे करें अपने मूड को फ्रेश

कई बार नकारात्मक परिस्थितियों व माहौल में अक्सर हम सभी का मूड खराब हो जाता है और खराब मूड से किए गए सभी कामों पर भी हमारे मूड का प्रभाव दिखता है। ऐसे में जल्दी से अपने मूड को फ्रेश कर ठीक रखने में ही आपकी भलाई है।
मूड में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। समय के साथ मूड ठीक भी हो जाता है, किंतु कुछ लोगों पर मानसिक दबाव इतने अधिक होते हैं कि वे सुगमता से अपने खराब मूड से बाहर नहीं निकल पाते। इसके लिए कई बार उन्हें ऐसी औषधियां लेनी पड़ती हैं, जो कुछ देर के लिए तो उन्हें इस हताश मानसिकता से बाहर निकाल देती हें, लेकिन इन औषधियों के दुष्परिणाम भी कम नहीं होते। इसलिए बेहतर यही है कि अपनी मानसिक दशाको इतना सबल बनाएं के नकारात्मक दृष्टिकोण आपको गिरफ्तार न कर सकें और अगर कर ही लें, तो आपको उनसे बाहर निकलने के उपाय भी पता होने चाहिए। इस बारे में कुछ सहज नुस्खे-

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रोगनाशक करेला

प्रकृति ने फलों एवं सब्जियों को कई स्वादों में बांटा है। हर फल-सब्जी का अपना महत्व, गुण है। बहुत से लोग करेला खाने से हिचकते हैं, क्योंकि यह कड़वा होता है। लेकिन इस कड़वे करेले में कुदरत ने ऐसे गुणों को पिरोया है, जो मानव जिस्म के लिए हर दृष्टि से लाभप्रद हैं।
कनाडा के चिकित्सकों के अनुसार करेले के विषेष गुण इसके तीखेपन तथा कडुएपन में होता है। कडुएपन के कारण यह रोग में श्रेष्ठ औषध है। इसमें नैसर्गिक इंसुलिन की मात्रा भी मिलती है जो मधुमेह के रोगियों को नवजीवन प्रदान करती है।

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