मनुष्य के जीवन में विविध भौतिक वस्तुओं की आवश्यकता होती है और उन वस्तुओं की आपूर्ति समाज के विभिन्न पारम्परिक कारीगरों, हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित वस्तुओं से होता है। आज के मशीनरी एवं वैज्ञानिक युग में औद्योगिकीकरण से प्रदेश की परम्परागत शिल्प का ह्मस होता जा रहा है। जबकि परम्परागत शिल्पियों की दैनिक जीवन में अति आवश्यकता है। प्रदेश में विभिन्न वर्गों के परम्परागत कारीगरी, शिल्प को बढ़ावा देने तथा लोगों को स्वरोजगार देने के उद्देश्य से ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के पारम्परिक कारीगरों बढ़ई, लोहार, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, कुम्हार, हलवाई, जूते-चप्पल बनाने वाले आदि स्वरोजगारियों तथा पारम्परिक हस्तशिल्पियों की कलाओं के प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन तथा उनकी आय में वृद्धि के अवसर उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना लागू किया है।
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तिलका मांझी राष्ट्रीय सम्मान 2020 के लिए चयनित हुई युवा लेखिका रीमा मिश्रा ‘नव्या’
आसनसोल/पश्चिम बंगाल। लेखन क्षेत्र में मात्र छः महीने की न्यूनावधि में बेहतर योगदान के लिए आसनसोल की युवा लेखिका एवं कवयित्री तिलका मांझी राष्ट्रीय सम्मान 2020 के लिए चयनित की गई हैं।
आपको बता दें कि यह कार्यक्रम अंग मदद फाउंडेशन भागलपुर स्वाधीनता सेनानी शुभकरण चूड़ीवाला की याद में तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर परिसर स्थित दिनकर भवन में आयोजित किया जाता है।
यह सम्मान देश एवं विदेश में अपने-अपने क्षेत्र में कर रहें कई सारे कार्यों जैसे लेखन, गायन, पत्रकारिता एवं समाज सेवा जैसे अन्य कई कार्यों में बेहतर प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।
अंग मदद फॉउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष जनसत्ता के वरिष्ठ पत्रकार आदरणीय प्रसून लतातं जी एवं सचिव वंदना झा जी हैं।
एक मणिकर्णिका से डरी पूरी शिवसेना
सेवा संस्थान अकबरपुर कानपुर देहात की संस्थापक व सचिव समाजसेवी कंचन मिश्रा ने कंगना राणावत के साथ हो रहे अन्याय पर कहा कि पदम श्री से सम्मानित कंगना ने जिस तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई है वो बहुत ही तारीफ के काबिल है। कंगना ने सत्य की लड़ाई लड़ी तो आज महाराष्ट्र सरकार उसके दफ्तर को तोड़ रही हैं। उसको अपशब्द बोला जा रहा है ये कहाँ का न्याय है? बॉलीवुड और अन्य क्षेत्र के लोगों ने जाने क्या क्या बोला होगा उनके लिए इतनी त्वरित कार्यवाही नहीं हुई। जितनी फुर्ती उन्होंने कंगना के लिए दिखाई। केंद्र सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और महिला सशक्तिकरण का बीड़ा उठाये है वहीं एक महिला के साथ इतना दुर्व्यवहार!! क्या आज सच बोलना अपने लिए आफत मोल लेना है क्या? ये सही नहीं हो रहा है। अगर कंगना ने अवैध निर्माण किया था तो क्या दफ्तर बनने से पहले नहीं निरीक्षण किया गया। जब उसने सरकार को खुली चुनौती दी कि वो ड्रग लेने और बेचने वालों का नाम खोलेंगी तो उनका दफ्तर और घर दोनों अवैध हो गया। शिवसेना के पत्रिका में एक महिला को गंदे गंदे शब्द लिखे जा रहे हैं।
इस अन्याय को रोकने के लिए महिला आयोग और प्रधानमंत्री जी को कुछ कड़े कदम उठाने चाहिए।
नदियों की स्वच्छता को बनाए रखना होगा
लॉकडाउन के चलते कई नदिया प्रदूषण मुक्त स्वतः स्वच्छ होने लगी। धार्मिक पर्व पर नदियों में श्रद्धालु तथा परिक्रमावासी स्नान, पूजन का कार्य करते है। नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए भविष्य में नागरिकों आगे आना चाहिए। जिससे नदियों के जल को प्रदूषण से मुक्त रखने में हर व्यक्ति अपनी भूमिका सही तरीके से अदा कर सके। नदियो को प्रदूषण से मुक्त करने का दायित्व निभाने वाली संस्थाओ को पुरस्कृत कर उन्हें शासन से सहायता मुहैया होना चाहिए ताकि नदियो के शुद्धिकरण से सभी को शुध्द जल का लाभ मिलकर जल संक्रमण से होने वाली बीमारियो से निजात मिल सके। स्वच्छता का संदेश और जागरूकता लाना हर इंसान का कर्तव्य है। क्योंकि स्वच्छता से ही बीमारियो, प्रदूषण को मुक्त रख कर स्वस्थ्यता का लाभ हमें एक नई दिशा प्रदान कर सकता है।
संजय वर्मा “दॄष्टि ” मनावर जिला -धार
सतत विकास के लिये डायवर्सिटी को अपनाना बेहद जरूरी
देश की शासन-सत्ता पर आसीन लोगों के चरित्र व व्यवहार को देखते हुये यह आशंका जताई जा रही है कि हाल में जारी की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में जिन सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के अंतरराष्ट्रीय एजेंडों को शामिल करनेभर की संतुष्टि प्रदान की गई है, उन्हें क्रूर व विषमतावादी तरीकों से लागू किया जा सकता है, फलस्वरूप उसका मोटा लाभ वर्ग एवं जाति विशेष के लोग ही उठा सकेंगे।
– सत्येन्द्र मुरली, रिसर्चर एवं मीडिया पेडागॉग
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) जिन सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals- SDGs) की बात करता है, और तमाम देशों की पॉलिसी में शामिल करवाने का दबाव बनाये रखता है, उनको भारत सरकार व राज्य सरकारें दिखावे भर के लिये ही अपनाती है।संतुष्टी के लिये लिखित अथवा मौख़िक रूप में कुछ और कहा जाता है, लेकिन उन्हें लागू करते वक्त क्रूर, अन्यायी, विषमतावादी व घोर जातिवादी तरीके अपनाये जाते हैं।
उदाहरण स्वरूप,
सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की पूर्ति के लिये नवीन सूचना एवं संचार प्रौधोगिकी को काफी अहम माना गया है और डिजिटल डिवाइड (Digital Divide) को पाटने के अंतरराष्ट्रीय एजेंडे को साधने के लिये भारत सरकार ने ‘डिजिटल इंडिया अभियान’ (Digital India Campaign) को सरकारी कंपनी जैसे कि भारत संचार निगम लिमिटेड़ (BSNL) के बजाय प्राइवेट लिमिटेड़ कंपनी के माध्यम से चलाया है जिसमें शीर्ष पूंजीपति मुकेश अंबानी की ‘जियो’ (Jio) कंपनी प्रमुखता से शामिल है. अंतरराष्ट्रीय एजेंडे को संतुष्ट करने के लिये कुछ समय तक फ्री अथवा सस्ती इंटरनेट सुविधायें उपलब्ध करवायी गई, लेकिन वर्तमान में हालात यह हैं कि भारतीय टेलीकॉम व डिजिटल सेक्टर में मुकेश अंबानी की जियो कंपनी ने एकाधिकार (Monopoly) हासिल कर लिया है और वो भारी मुनाफा कमा रही है।
आयकर दिवस के उपलक्ष्य में आयकर विभाग के स्वर्णिम 160 वर्ष की यात्रा
भारत में आयकर का इतिहास वैदिक काल से ही चला आ रहा है। आयकर का विवरण हमारे प्राचीन ग्रंथो में भी मिलता है। मनुस्मृति के अनुसार राजा कर लगा सकता था। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में भी आयकर का उल्लेख किया गया है। इस अर्थशास्त्र के मुताबिक़ राजा राजकोष को मज़बूत करने और प्रजा के कल्याण के कार्यों के लिए कर वसूल कर सकता था। श्रीमद्भागवत में भी कर वसूलने का ज़िक्र किया गया है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में कर को वसूलने के लिए एक व्यवस्था का भी ज़िक्र किया गया है। वैदिक काल में राजा अपनी प्रजा से कर के रूप में लगान वसूल करते थे।
सन् 1857 की क्रान्ति के बाद जब ब्रिटिश राज्य ने भारत में अपना राज-पाठ संभाला था। फरवरी 1860 में पहला बजट जेम्स विल्सन द्वारा पेश किया गया था और तभी से आयकर का कानून भी लाया गया था। उस समय 200 रूपये से ज़्यादा की कमाई पर इन्कम टैक्स लगाया जाता था।
ट्विटर के सुरक्षा चक्र में हैकर्स की सेंधमारी
हैकरों की हिमाकत तो देखिए ट्विटर जैसे जाने-माने प्लेटफॉर्म की सुरक्षातंत्र में सेंधमारी करते हुए एक साथ कई हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के एकाउंट हैक कर पैसे को डबल करने की बात कह डाली। उन चर्चित व्यक्तियों में, जिनके एकाउंट हैक किए गए, बिल गेट्स, एलन मस्क, जो बाइडेन, बराक ओबामा, जेफ बेजोस समेत अनेक हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के एकाउंट में सेंधमारी से हड़कंप मच गया है। हालांकि ट्विटर ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह इस घटना की जांच में अग्रसर है और घटना की तह तक जल्दी ही पहुंच उस हैकर्स को बेनकाब किया जाएगा। ट्विटर के इतिहास में यह सेंधमारी अब तक की सबसे बड़ी सेंधमारी के रूप में वायरल हो रही है।
Read More »कोख का एहसान…
कर गई पैदा तुझे, उस कोख का एहसान है।
सैनिको के रक्त से, आबाद हिन्दुस्तान है।
हर मोह को उसने है त्यागा, तभी तो सरहद पर आज वीर जवान है।
ममता के मोह को दबाकर, चूम लिया मस्तक तेराय
कहती है माँ तो हूँ मैं पर बाद में, बेटा पहले वतन तुम्हारा।
झुक गया है देश उसके, दूध के सम्मान मेय
पुत्र मोह त्याग कर जिसने, हमें वीर दिया।
चाहती हूँ आसुओ से, पाव उसकी पखार दूं
ए शहीद की माँ, आ मैं तेरी आरती उतार लू ।
कर गईं पैदा तूझे, उस कोख का एहसान है
सैनिकों के रक्त से, आबाद हिन्दुस्तान है।
-श्वेता सिंह
ग्राम-मेदनीपूर
गाजीपुर
कोरोना काल में सौरभ युगल ने लेखन से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान
सत्यवान सौरभ एवं प्रियंका सौरभ ने अनेक विषयों पर हिंदी एवं अंग्रेजी में लिखें हज़ारों अखबारों के लिए लेख एवं फीचर्स
(सिवानी मंडी) कोरोना काल के तीन माह के दौरान हरियाणा के भिवानी जिले के सिवानी उपमंडल के गाँव बड़वा के युवा लेखक युगल सत्यवान सौरभ एवं प्रियंका सौरभ ने प्रतिदिन घटी घटनाओं और उत्पन्न स्थिति के हर क्षेत्र पर प्रभाव को अपने लेखों के माध्यम से देश-दुनिया के कोने-कोने में पहुँचाने का अद्भुत प्रयास किया और ये अपने मकसद में कामयाब भी हुए। इस दौरान अनेक विषयों पर सत्यवान एवं प्रियंका सौरभ के लेख देश-विदेश के हिंदी अंग्रेजी अखबारों में प्राथमिकता के साथ छपे और विभिन्न न्यूज़ एजेंसी एवं न्यूज़ वेब पोर्टल के द्वारा सराहे गए। दोनों के अंग्रेजी लेख अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटैन सहित दर्जनों देशों के अंग्रेजी एवं हिंदी अखबारों में छपे और लगातार प्रकाशित हो रहें है।
सत्यवान सौरभ एवं प्रियंका सौरभ भारतीय लेखक और पति -पत्नी हैं जिन्हें सौरभ युगल के नाम से भी जाना जाता है। करीब दो दशक से स्वतंत्र पत्रकारिता एवं साहित्य लेखन कर रहे सत्यवान सौरभ कई मीडिया संस्थानों के लिए स्वतंत्र रूप से काम कर रहें हैं। पंजाब केसरी, जनसत्ता, हिंदुस्तान, लोकमत, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका के अलावा भारत एवं विदेशों के हज़ारों हिंदी-अंग्रेजी अखबारों के लिए सत्यवान सौरभ लगातार संपादकीय पेज के लिए लेख लिख रहें है। इनके लिखे लेख भारत की हर न्यूज़ एजेंसी और वेब पोर्टल पर आपको पढ़ने को मिल जायेंगे। पिछले चार सालों से इनकी पत्नी प्रियंका सौरभ भी लेखन में विशेष रूचि रखते हुए वर्तमान विषयों पर एक समान लेखन कर रही है।
ऐसा आलिंगन हो तुम्हारा और मेरा-
मैंने कब मांगा है अपने प्रियतम के जीवन भर का साथ,
प्रेम कभीं नहीं मांगता कोई बेशक़ीमती सौग़ात,
प्रेम को तो चाहिए बस अपने प्रियतम के
एक पल का स्पर्श, और आलिंगन का एहसास।
जैसे सागर की बाहों में लिपट जाती है नदियाँ,
वैसे ही अभिलाषी है मेरा हृदय भी तुम्हारे आलिंगन को प्रिय,
देखा है न अस्तांचल रवि को, दिन कैसे रात के पहलू में, निश्चिन्त होकर सोता है,
ये दूरी कहाँ रोक पाई है आकाश और धरा के मिलन की आकांक्षा को।
प्रिय मेरे! तुम भी लाना वही आकाश सा प्रेम,
जो बारिश की बूंद बन बरस पड़ती है धरा पर, करने उससे आलिंगन,
चाहती हूं हमारा मिलन ऐसा हो रूह से रूह के जैसा हो,
जैसे कोई भूल जाता है रखकर किसी पुस्तक में गुलाब,
पर उसकी ख़ुश्बू से महकते रहते हैं उसके पन्ने।