सिकंदरा, कानपुर देहात। वीर अब्दुल हमीद के जन्मदिन पर याद किया गया और लोगो को बताया कि पाकिस्तान के साथ 1965 की जंग में अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अमेरिकी पैटन टैंकों को नष्ट करने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर युवा मंडल अध्यक्ष मोहम्मद मारूफ ने याद किया । नेहरू युवा केंद्र के वीर अब्दुल हमीद युवा मंडल के द्वारा कस्बा सिकंदरा के मदरसा निजामिया पब्लिक हाई स्कूल में परमवीर चक्र विजेता को याद किया गया युवा मंडल अध्यक्ष मोहम्मद मारूफ ने बताया कि 1965 में भारत-पाक के बीच हुए युद्घ के दौरान अपने अदम्य साहस का लोहा मनवाने वाले इस जांबाज का जन्म गाजीपुर के धामूपुर में पहली जुलाई 1933 को एक सामान्य दर्जी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम उस्मान एवं माता का नाम बकरीदन था। अब्दुल हमीद की बचपन से ही देश की सेवा करने की हसरत थी। 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्घ में उन्हें जांबाजी दिखाने का मौका मिला। पाकिस्तान को अपने पैंटन टैंकों पर बहुत नाज था। उन्हें अपनी गन से सटीक निशाना साधते हुए एक-एक कर पैंटन टैंकों को ध्वस्त करना प्रारंभ कर दिया। देखते ही देखते पाकिस्तान फौज में भगदड़ मच गई। खेमकरन सेक्टर में अद्भूत वीरता का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने वीरगति प्राप्त की। इसके लिए उन्हें मरणोपरांत देश का सर्वाेच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र प्रदान किया गया। उनके जन्म दिवस के अवसर पर लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी इस मौके पर हरी ओम शर्मा,साजिद मंसूरी, कुलदीप,विकास आदि लोग मौजूद रहे द्य