Sunday, November 24, 2024
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शिवभक्तों ने गणेश जन्मोत्सव की कथा का किया रसपान

फिरोजाबाद। गोपाल आश्रम में चल रहे रूद्व महायज्ञ एवं शिवमहापुराण कथा में गणेश जन्मोत्सव की कथा सुन भक्तगण आनंदित हो उठे। पूरा पंडला शिव भक्ति के सरोवर में डूब गया। आचार्य शिवदास राघवाचार्य ने भगवान गणेश की कथा का व्याख्यान करते हुए कहा कि माता पार्वती ने भगवान गणेश का निर्माण किया था। उन्होंने गणेश जी से कहा कि किसी को मेरी आज्ञा के बिना कक्ष में नहीं आने देना। जब भगवान शंकर उनके कक्ष में प्रवेश करते है, तो उन्हें गणेश जी रोक देते है और शंकर जी को क्रोध आ जाता है। वह विनायक का सिर त्रिशूल से अलग कर देते है। जब पार्वती के विनायक का वध होने की सूचना मिलती है, तो वह भोलेनाथ से विनायक को ठीक करने की कहती है। तब भोलेशंकर गजानन का सिर उनके मस्तिक पर लगा देते है। इसलिए गणेश जी को गजानन कहा जाता है। भोलेनाथ ने गणेश जी को वरदान दिया कि कार्तिक मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को जो भी स्त्री पूरे दिन उपवास कर रात को चंद्रता के दर्शक कर विनायक को जल अर्पित करेंगी। वह स्त्री सौभाग्यवती होगी। गणेश जी विवाह रिद्वी-सिद्वी से हुआ। विवाह उत्सव में लक्ष्मी जी ने गणेश को वरदान दिया कि कार्तिक मास की अमावस्या को मेरा पूजन गणेश के साथ स्थिर लक्ष्मी के रूप में होगा। आज की आरती स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती अध्यक्ष श्रीदेवी सम्पद् मंडल आश्रम रायबरेली और महामण्डलेश्वर डॉ स्वामी शिव चैतन्य महाराज अबाला छावनी के द्वार की गई। कथा में महंत पं. सीतरात शमा, अध्यक्ष गणेश शर्मा, कोषाध्यक्ष एससी शर्माद्व व्यवस्थापक डॉ बीके अग्रवाल, सचिव अंकिता भारद्वाज, अशोक पालीवाल, विमल पचौरी, अमित शर्मा, नगर कार्यवाह पवन जादौन आदि मौजूद रहे।