लखनऊ। उप्र के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) की शासी निकाय की 99वीं बैठक आयोजित की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने संस्थान में आयुष विभाग शुरू करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें आयुर्वेद, प्राचीन भारतीय चिकित्सा तकनीकों के साथ-साथ आधुनिक एवं स्थापित चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग एवं समावेश हो। उन्होंने एसजीपीजीआईएमएस को एम्स, नई दिल्ली के मॉडल का अध्ययन करने और जल्द से जल्द यह विभाग शुरू करने के निर्देश दिये। आयुष विभाग के बन जाने से एसजीपीजीआईएमएस में रोगियों का समग्र उपचार किया जाएगा।
बैठक में सुपर स्पेशलिटी विभागों में फैकल्टी के पदों को भरने एवं विभिन्न कैडर के कर्मचारियों से सम्बन्धित मुद्दों पर संस्थान के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। शासी निकाय ने ट्रॉमा एनेस्थीसिया और इंटेन्सिव केयर में पीडीसीसी कोर्स शुरू करने के लिए भी मंजूरी दे दी है। एसजीपीजीआईएमएस जल्द ही एनएएसी मान्यता के लिए आवेदन करेगा। शासी निकाय की बैठक में संस्थान के विगत तीन वर्षों की वार्षिक रिपोर्ट तथा संस्थान की दूरगामी परियोजनाओं से भी अवगत कराया गया।
संस्थान के इमरजेन्सी विभाग में बिस्तर की क्षमता को मौजूदा 75 बेड्स से बढ़ाकर 210 बेड्स किया जाना है, इसके लिये शासी निकाय ने उ0प्र0 स्वास्थ्य विभाग से 32 अतिरिक्त सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारियों (जी.डी.एम.ओ.) की प्रतिनियुक्ति को मंजूरी दे दी है। इससे 24 घंटे इमरजेंसी विभाग के संचालन और इमरजेंसी की बेहतर सेवाएं और देखभाल प्रदान करना संभव होगा।
बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थसारथी सेन शर्मा, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह, एसजीपीजीआईएमएस के निदेशक प्रो0 आर0के0 धीमान, रजिस्ट्रार कर्नल वरुण बाजपेयी, डीन प्रो. शालीन कुमार, वित्त अधिकारी श्री विश्वजीत राय तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
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