Sunday, November 24, 2024
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मध्य प्रदेशः जीतू पटवारी बने कांग्रेस के नये प्रदेश अध्यक्ष

नई दिल्लीः राजीव रंजन नाग। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने पार्टी में बड़ा फेरबदल किया है। राज्य में विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। कांग्रेस ने जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष बनाया है। वह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की जगह लेंगे। कांग्रेस ने आदिवासी नेता उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़ा था जिसमें पार्टी की बड़ी हार का सामना करना पड़ा था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जीतू पटवारी को तत्काल प्रभाव से मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष ने उमंग सिंघर को नेता प्रतिपक्ष और हेमंट कटारे को विपक्ष का उप नेता नियुक्त किया है। राज्य में निश्चित जीत की उम्मीद करने वाला कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व राज्य में पार्टी के शर्मनाक प्रर्दशन से बुरी तरह विचलित है। कांग्रेस मुख्यालय में चल रही हलचल के बीच राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी शीघ्र बदलाव की संभावना व्यक्त की जा रही है।
50 वर्षीय जीतू पटवारी 2013 में पहली बार राउ सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। वह फिलहाल कांग्रेस सचिव और गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रभारी हैं। वह मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। इस बार भी राऊ सीट पर कांग्रेस ने जीतू पटवारी को चुनाव में खड़ा किया था लेकिन वह बीजेपी के मधु वर्मा से हार गए। 2018 में जीतू पटवारी ने मधु वर्मा को 5703 वोट से हराया था। जीतू पटवारी राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। वह कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। आदिवासी नेता उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। वह गंधवानी से विधायक हैं। वहीं हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस चुनाव में जहां बीजेपी को 163 सीटें मिली तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस को महज 66 सीटों से संतोष करना पड़ा। विधानसभा चुनाव के बाद जहां बीजेपी ने साढ़े 16 साल से सीएम पद की जिम्मेदारी संभाल रहे शिवराज सिंह चौहान के स्थान पर उज्जैन दक्षिण विधानसभा से विधायक डॉ. मोहन यादव को मुंख्यमंत्री बनाया है। तो वहीं इस बार दो उप मुख्यमंत्री भी बनाए गए हैं। बीजेपी द्वारा किए गए इस परिवर्तन का असर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर भी देखने को मिला। नतीजतन कांग्रेस ने भी प्रदेश में बड़ा बदलाव कर दिया है। दो दिन पहले भोपाल में कांग्रेस विधायल दल की हुई बैठक से कमलनाथ ने दूरी बनाए रखी थी, जबकि बैठक में रणदीप सुरजेवाला सहित भंवर जितेन्द्र सिंह, दिग्विजय सिंह मौजूद थे। हालांकि विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर सहमति नहीं बन सकी थी, लिहाजा नेता प्रतिपक्ष का फैसला दिल्ली हाईकमान के हवाले कर दिया गया था।