हाथरस, नीरज चक्रपाणि। हाथरस की सादाबाद कोतवाली क्षेत्र के एनएच 93 पर देर रात एक युवक की बाइक स्लिप होने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी लेकिन मौके पर पहुंची मित्र पुलिस घंटो एम्बुलेंस का इन्तजार करती रही और घायल तड़फता रहा। जबकि पुलिस जीप मौके पर थी। मित्र पुलिस के इंसानियत को शर्मशार करने वाले कृत्य से घायल के जान पर बन आई है। आपको बतादें की जब से योगी सरकार आई है पुलिस आम जन के बीच मित्र पुलिस के रूप में व्यवहार कर रही है। अधिकारियों के भी कुछ ऐसे ही निर्देश अधीनस्थों को लगातार दिए जा रहे है। पर हाथरस के सादाबाद में इसी मित्र पुलिस के एक दरोगा ने मित्र पुलिस की छवि को शर्मशार कर दिया जिससे सड़क दुर्घना में घायल की जान पर बन आई। मामला हाथरस जिले के सादाबाद कसबे का है। जहाँ देर रात एक अज्ञात युवक बाइक फिसलने से गंभीर रूप से घायल हो गया राहगीरों की सूचना पर इंचार्ज रवीकान्त मय फोर्स के गाड़ी लेकर मौके पर पहुँच गए और अपनी ड्यूटी को निभाते और पुलिस मित्र की मिशाल पेश करते हुए घंटों तक एम्बुलेंस को फोन करते रहे और उधर घायल जमीन पर तड़फता रहा मित्र पुलिस की इंसानियत तार तार होती रही। काफी देर बाद एम्बुलेंस के आने पर घायल को सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पहचाया गया। जहाँ से उसको आगरा रैफर कर दिया गया। वही ड्यूटी पर मौजूद डाक्टर का कहना है की अगर घायल को समय से यहाँ लाया जाता तो शायद रैफर करने की जरूरत नही पड़ती। जब मौके पर पहुंचे मित्र पुलिस के दरोगा रवीकान्त से पूँछा गया की तुम्हारे पास पुलिस जीप थी फिर भी तुम एम्बुलेंस का इन्तजार करते रहे जबकी पुलिस की गाड़ी से भी घायल को अस्पताल पहुँचाया जा सकता था। दरोगा साहब सवाल को नजर अंदाज कर गए और बिना जबाब दिए ही मौके से निकल गए। बड़ा सवाल आखिर कब तक वाकई में योगी की यूपी पुलिस जनता के बीच मित्र पुलिस के रूप में अपनी छवि को बना पाएगी।
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