फिरोजाबाद: जन सामना संवाददाता। अखिल भारतीय सोहम महामंडल शाखा फिरोजाबाद के तत्त्वावधान में चल रहे संत सम्मेलन में सोहंम पीठाधीश्वर स्वामी सत्यानंद महाराज ने कहा कि गीता जीवन को जीना सिखाती है। गीता के सूत्र जीवन की कठिनाइयों को दूर करते हैं। जिन्हें अपनाने से व्यक्ति प्रगति के पथ पर बढ़ता है।
उन्होंने कहा कि गीता में भगवान ने बताया कि तुम्हें केवल कर्म करने का अधिकार है। कर्म के अनुरूप फल प्राप्त होता है। मोह त्याग कर अपना कर्म करते रहना चाहिए। स्वामी शुकदेवानंद ने संस्कारों पर चर्चा करते हुए कहा कि हमें अपने परिवार के बड़े लोगों का सम्मान करना चाहिए। जिससे यश, बल, बुद्धि आयु की प्राप्ति होती है। स्वामी ज्ञानानंद व प्रीतम दास महाराज ने राम के आदर्शाे को प्रस्तुत किया। स्वामी अनंतानंद ने जब तक आ आशक्ति नहीं जाएगी, तब तक परमात्मा की प्राप्ति नहीं होगी। स्वामी प्रणवानंद ने संतों की सानिध्य की आवश्यकता पर बल दिया। स्वामी निगमानंद ने गीता की महत्ता पर प्रकाश डाला। स्वामी नारायणानंद ने मंच संचालन किया। अरुणस्वरूप आदि ने भी श्रोताओं को अपने वक्तव्यों से मार्ग दर्शन दिया। इससे पूर्व श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास पंडित राम गोपाल शास्त्री ने सुदामा चरित्र का मार्मिक प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सुदामा भगवान के पास जाकर भी कुछ नहीं मांगते पर भगवान स्वयं अंतर्यामी व सब कुछ समझ जाते हैं। वह गरीब ब्राह्मण सुदामा को सब कुछ दे देते हैं और वह उनके आराध्य बन जाते है।