फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। बालक-बालिकाओं में संस्कार का रोपण बाल्यकाल से ही प्राप्त होता है, ऐसा हमारे इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित अनगिनत गाथाओं से हमें प्रेरणा मिलती है। बालक के विकास के साथ-साथ संस्कारों का सतत विकास एवं शारीरिक व मानसिक विकास भी उसके जीवन को महान बनाने के लिए आवश्यक है। यह उद्गार प्रांत गौ-सेवा प्रमुख रमाकांत उपाध्याय ने साहसिक खेल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने बताया कि वीर बाल दिवस अंतिम सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्रों, साहिबजादों के सम्मान में मनाया जाता है। यह तारीख सबसे छोटे साहिबजादे के बलिदान को चिह्नित करने के लिए चुनी गई थी। हालाँकि गुरु गोविंद सिंह के चारो पुत्र धर्म की रक्षा हेतु शहीद हो गए। 26 दिसंबर को छह और नौ साल की उम्र में साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह को जिंदा दीवाल में चिनवा दिया गया। परंतु यह बालक अपने धर्म से नहीं डिगे। ऐसे संस्कार, मानसिक बल और शारीरिक बल उन्हें अपने पिता से प्राप्त हुआ। वास्तविकता में वही संस्कृति और सभ्यता जीवित रहती है जो अपने धर्म, कर्म, कर्तव्य के प्रति जागरूक है, अन्यथा की स्थिति में तमाम संस्कृति इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह गई हैं। विदित हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चन्द्रनगर महानगर शिशु एवं बाल कार्य विभाग द्वारा बाल विकास हेतु वीर बाल दिवस की पूर्व संध्या पर साहसिक खेलों का आयोजन नगर के अटल पार्क में किया गया। जिसमें 250 छात्र-छात्राओं ने पूरे जोश के साथ प्रतिभाग किया। इस अवसर पर बच्चों के अलग-अलग गण (ग्रुप) बनाए गए, जिन्हें विविध प्रकार के साहसिक कार्यक्रम जैसे रस्साकसी, टैंक युद्ध, पेट के बल सरक कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना, कछुआ दौड़, जलेबी दौड़, बोरी में पैर फंसा कर दौड़, फुटबॉल आदि खेलों को शामिल किया गया। इस कार्यक्रम में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के 250 छात्र-छात्राओं ने बड़े ही जोश और हर्षोल्लास के साथ प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के अंत में विभाग सह कार्यवाह ब्रजेश यादव ने आर्शीवाद स्वरूप बच्चों के भव्य दिव्य एवं अनुशासित कार्यक्रम की शुभकामनाए दीं। विद्यार्थी कार्यविभाग सह प्रमुख सौरव के दिशा निर्देश में पूरा कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महानगर प्रचारक धर्मेंद्र जी, विभाग प्रचारक भानु, विद्यार्थी प्रचारक कुणाल, निशांत, महानगर कार्यकारणी के बंधु, नगर कार्यवाहों सहित सभी दायित्ववान स्वयंसेवक बंधु उपस्थित रहे।