लखनऊ। उप्र के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम योजना की राज्य स्तरीय समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत 14 जनपदों के लिए 14324.54 लाख रुपये की 110 परियोजनाओं को अनुमोदन प्रदान किया गया। इसमें जनपद बरेली में 2414.61 लाख रुपये लागत की 7 परियोजनायें, जौनपुर में 3278.64 लाख रुपये लागत की 19 परियोजनायें, लखनऊ में 1384.82 लाख रुपये लागत की 1 परियोजना, अयोध्या में 668.56 रुपये लागत की 7 परियोजनायें, रामपुर में 374.26 लाख रुपये लागत की 7 परियोजनायें, बस्ती में 148.48 लाख रुपये लागत की 2 परियोजनायें, मुरादाबाद में 279.07 लाख रुपये की 19 परियोजनायें, गौतमबुद्ध नगर में 70.74 लाख रुपये की 2 परियोजनायें, कानपुर देहात में 409.37 लाख रुपये की 2 परियोजनायें, गाजीपुर में 128.57 लाख रुपये की 1 परियोजना, लखीमपुर-खीरी में 1862.83 रुपये लागत की 10 परियोजनायें, सम्भल में 12.70 लाख रुपये लागत की 5 परियोजनायें, सहारनपुर में 2338.74 लाख रुपये की 26 परियोजनायें तथा मुजफ्फरनगर में 953.15 लाख रुपये लागत की 2 परियोजनायें शामिल हैं।
प्रस्ताव में प्राइमरी स्कूल, प्राइमरी स्कूल अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, इण्टर कॉलेज में मल्टी परपज हॉल, राजकीय इण्टर कॉलेज-निशातगंज (लखनऊ), राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय भवन, मेडिकल कॉलेज में ऑडिटोरियम, अभ्युदय मॉडल विद्यालय, सद्भाव मंडप, विभिन्न खेलों से सम्बन्धित हॉल तथा छात्रावास का निर्माण, आंगनबाड़ी केन्द्र आदि के निर्माण कार्य से सम्बन्धित कार्य सम्मिलित किये गये हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत 18939.38 लाख रुपये की लागत से विभूति खण्ड (लखनऊ) में डायग्नोस्टिक सेंटर का निर्माण तथा 3540 लाख रुपये की लागत से लखनऊ विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी एवं गेस्ट हाउस के निर्माण के प्रस्ताव को बैठक में अनुमोदन प्रदान किया गया।
बैठक में 50 करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान बताया गया कि यूनानी मेडिकल कॉलेज-बरेली की वित्तीय प्रगति 83.42 प्रतिशत व भौतिक प्रगति 80.6 प्रतिशत, सांस्कृतिक सद्भावना केन्द्र-रामपुर की वित्तीय प्रगति 90.34 प्रतिशत व 63.7 प्रतिशत तथा सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान-बलरामपुर की वित्तीय प्रगति 96.0 प्रतिशत व भौतिक प्रगति 60 प्रतिशत है।
इस पर मुख्य सचिव ने निर्माणाधीन परियोजनाओं का कार्य आगामी 31 मार्च, 2024 तक पूर्ण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन परियोजनाओं का कार्य क्रियाशीलता के स्तर तक पूर्ण हो चुका है, उन्हें प्रशासकीय विभाग को हस्तगत कराया जाये।
बैठक में बताया गया कि 1 अप्रैल, 2022 को कुल 1218 परियोजना इकाईयां निर्माणाधीन है। गत वित्तीय वर्ष में 204 तथा चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के माह नवम्बर तक 264 इकाइयों का कार्य पूर्ण हो चुका है। 76 प्रतिशत से अधिक धनराशि के उपभोग प्रमाण-पत्र भारत सरकार को प्रेषित किये जा चुके हैं।
राजकीय महाविद्यालयों के निर्माण से सम्बन्धित 05 परियोजनाओं का कार्य क्रियाशीलता स्तर तक पूर्ण हो चुका है। 05 राजकीय पॉलीटेन्क्टिनों के निर्माण निर्माण से सम्बन्धित परियोजनाओं को प्रशासकीय विभाग को हस्तगत कराया जा चुका है, 02 परियोजनाओं को जनवरी, 2024 के अंत तक तथा 03 परियोजनाओं को मार्च, 2024 के अंत तक हस्तगत करा दिया जायेगा। 25 आईटीआई का निर्माण संचालन स्तर तक पूर्ण हो चुका है, प्रशासकीय विभाग को हस्तगन की कार्यवाही प्रचलित है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 69 पेयजल परियोजनाएं तक वित्तीय वर्ष 2023-24 में माह नवम्बर, 2023 तक कुल 33 पेयजल परियोजनाएं क्रियाशील हो चुकी हैं, वर्तमान में 20 परियोजनाओं निर्माणाधीन हैं। सी0 एण्ड डी0 एस0 की निर्माणाधीन 130 परियोजनाओं को आगामी मार्च, 2024 तक पूर्ण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण मोनिका एस0 गर्ग, सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार अनामिका सिंह, निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार सरनीत कौर ब्रोका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।