♦ ‘हिट एण्ड रन’ सम्बन्धी नया नियम: पेट्रोल पम्पों पर लगीं दिखीं वाहनों की कतारें
♦ चालकों की अगर हड़ताल जारी रही तो दैनिक उपभोग सामग्री की आपूर्ति भी हो सकती है प्रभावित !
♦ ‘हिट एण्ड रन’ सम्बन्धी नये नियम के विरोध का दिखने लगा असर।
कानपुर। ‘हिट एण्ड रन’ सम्बन्धी वाहन चालकों पर थोपे जा रहे नये नियम को लेकर ट्रक / टैंकर चालकों के द्वारा की गई हड़ताल का असर दिखने लगा है। आज जैसे ही यह खबर फैली कि ट्रक / टैंकर चालकों की हड़ताल लम्बी खिंच सकती है और उसके चलते पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। वैसे ही शहरिये अपने – अपने दो पहिया अथवा चार पहिया वाहनों में पेट्रोल / डीजल भरवाने के लिये निकल पड़े तो देखते ही देखते शहर के अधिकतर पेट्रोल पम्पों पर दो पहिया व चार पहिया वाहनों की कतारें लग गईं। कई स्थानों पर सड़कों पर जाम की स्थिति देखी गई। अनेक पेट्रोल पम्पों पर ईंधन खत्म होने की सूचना चस्पा कर दी गई अथवा पेट्रोल पम्पों को बन्द कर दिया गया। किसी भी अनहोनी से निपटने के लिये पुलिस चाक चौबन्द रही और आलाधिकारी सतर्क रहे। इस दौरान लोगों के मुंह पर यही सवाल सुना गया कि केन्द्र सरकार द्वारा थोपा जा रहा यह नियम उचित नहीं है और कतई स्वीकार नहीं है।
नए हिट एंड रन कानून में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो 10 साल की सजा और 10 लाख रुपये के जुर्माना लगाने का प्रावधान लागू किया है। आने वाले समय में इसके नए प्रावधान भारतीय दंड संहिता के पुराने प्रावधानों की जगह ले लेंगे, लेकिन नए प्रावधान को लेकर विरोध शुरू हो गया है। नए प्रावधान के अनुसार यदि सड़क दुर्घटना में किसी का निधन हो जाता है और गाड़ी का ड्राइवर मौके से भाग जाता है तो उसे 10 साल जेल की सजा हो सकती है और साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा। हिट एंड रन मामले में पहले दो साल की सजा का प्रावधान था और आसानी से जमानत भी मिल जाती थी। ये सख्त प्रावधान ही इसके विरोध की वजह बन रहे हैं।
गौरतलब हो कि हिट एण्ड रन सम्बन्धी नये कानून का देश भर में विरोध हो रहा है। ज्यादातर राज्यों में ट्रक चलाने वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं क्योंकि इसके तहत अब कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब सहित अनेक राज्यों में ट्रकों के पहिए थमने से हालात बिगड़ने शुरू हो गये हैं। हड़ताल के चलते जरूरी सामान की आपूर्ति पर भी असर पड़ रहा है।
देश के प्रमुख महानगरों में इसका असर नजर आने लगा है। चंडीगढ़ के कई पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल और डीजल खत्म हो चुका है। कई पेट्रोल पंप ऐसे हैं जहां पर आज दोपहर यानी मंगलवार दोपहर तक का ही पेट्रोल और डीजल बचा हुआ था। हिमाचल प्रदेश के कई शहरो में तो सोमवार यानी एक जनवरी को ही पेट्रोल-डीजल खत्म हो गया था। इस बीच जिन पेट्रोल पंपों पर तेल उपलब्थ था, वहां गाड़ियों की लंबी कतारें लगी दिखीं। मध्य प्रदेश के पेट्रोल पंपों पर भी इसका असर दिखना शुरू हो गया है। राजधानी भोपाल में लोग घंटों से पेट्रोल पंपों पर कतार में लगे हुए हैं। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में यही हालात हैं।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पेट्रोल पंप खाली हो गए हैं। कानपुर महानगर में पेट्रोल पंप के बाहर अव्यवस्था फैल गई है। पेट्रोल पंपों के बाहर लंबी कतारें लगी हुई हैं। वाहनों में डीजल / पेट्रोल भरवाने के लिए वाहन चालकों में होड़ लगी है। हड़ताल के चलते पेट्रोल पंप बंद रहने की अफवाह की वजह से लोगों में बेचैनी है। बहराइच व आगरा में भी कमोबेश यही नजारा देखने को मिला।
इस बावत पेट्रोल पंप संचालकों का कहना कि अगर हड़ताल जारी रही तो ईंधन की आपूर्ति में परेशानी हो सकती है। और अगर ईंधन की आपूर्ति प्रभावित हुई तो दैनिक उपभोग की अन्य वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित होना निश्चित है। -S. S. Panwar