पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली । जिले का कोना-कोना झोलाछाप डॉक्टरों से भरा पड़ा है, नगर के किसी भी गली-मोहल्ले से गुजर जाइए आपको बेझिझक संचालित क्लिनिक मिल जाएंगी।
हालांकि गली-मोहल्ले में खुली इन क्लिनिक और मेडिकल स्टोर से गरीब तबके के लोगों काफी सहूलियत मिलती है । सरकारी अस्पतालों की सुविधाएं बहुत अच्छी नहीं और प्राइवेट अस्पताल की फीस वह दे नहीं सकते।
फिलहाल आज हम बात कर रहे हैं जिले के औद्योगिक क्षेत्र ऊंचाहार की जहां मेडिकल और क्लीनिक संचालित करने का गोरखधंधा बड़ी तेजी से फल फूल रहा है। यह भी कहना गलत नहीं होगा कि यह सब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है क्योंकि 10 किलोमीटर की परिधि में दो-दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होते हुए भी वहां सुविधाएं पर्याप्त नहीं और मरीजों की संख्या में दिन प्रतिदिन कमी होती जा रही है। दूसरी तरफ समाचार पत्रों और पोर्टलों पर प्रकाशित होने वाली खबरें भी यह बताती है कि ऊंचाहार नगर, मतीनगंज, बहेरवा चौराहा पर और उमरन व रोहनियां में मानक विहीन पॉलीक्लिनिक संचालित करके भीड़ इकट्ठी की जा रही है । जाहिर सी बात है कि अच्छी खासी रकम भी वसूली जा रही होगी।
परंतु स्वस्थ महकमा क्षेत्र में खुली इन पॉलीक्लिनिक, नर्सिंग होम की अनियमितताओं को नजरअंदाज करके इन्हें बढ़ावा दे रहा है।