ऊंचाहार, रायबरेलीः पवन कुमार गुप्ता। रिश्तों और सामाजिक सद्भाव के लिए लगातार अपनी कलम से चेतना जगाने वाले अंतर्राष्ट्रीय जगत में ख्याति प्राप्त शायर मुनव्वर राना ने अब दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका जाना साहित्य जगत के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में रायबरेली जिले के लिए भी अपूर्णीय क्षति है। रायबरेली ज़िले के किला बाजार में जन्में मुनव्वर राना का ऊंचाहार से भी मजबूत रिश्ता रहा, बताते हैं कि ऊंचाहार के मलकाना गांव में उनका ननिहाल था। उन्होंने हमेशा कौमी एकता के लिए अपनी बात को बड़ी बेबाकी से रखा। ऊंचाहार क्षेत्र के दौलतपुर गांव निवासी बाल चित्रकार अंबिकेश त्रिपाठी ने बताया कि मशहूर शायर, साहित्यकार मुनव्वर राना के इस दुनिया से विदा लेने से दिल दुखी है, उनके द्वारा माँ पर लिखी गई शायरी से हमें प्रेरणा मिलती रहती है। मशहूर शायर मुनव्वर राना के इस दुनिया से चले जाने पर अपनी पेंसिल से उनकी एक तस्वीर बनाकर मैं उन्हें भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं।
अवगत हो कि अंबिकेश त्रिपाठी (बाल चित्रकार) रायबरेली जिले के ऊंचाहार तहसील क्षेत्र की दौलतपुर गांव का है, जिसकी उम्र अभी करीब 9 वर्ष और कक्षा पांच का छात्र है। जिसकी प्रारंभिक शिक्षा प्रयागराज के सिविल लाइंस स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में पूरी हो रही है। अंबिकेश ने अभी तक अपने नन्हें हांथो पेंसिल के सहारे कागज पर सैकड़ों तस्वीरें बनाई है।
Home » मुख्य समाचार » स्मृति शेषः बाल चित्रकार ने मशहूर शायर मुनव्वर राना की पेंसिल से उकेरी चित्र, दी भावभीनीं विदाई