फिरोजाबाद। अयोध्या में रामलला के आने की खुशी से पूरा देश झूम रहा है। लोगों की जुबान पर जयश्रीराम और सीताराम का नाम बार बार आ रहा है। ऐसे में भगवान श्रीराम के जीवन से बच्चों, युवाओं और महिलाओं को अवगत कराने के उद्देश्य से एक शाम राम के नाम पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें दूर दराज से आए कवियों ने भगवान राम पर आधारित काव्य पाठ किए। शहर के मोडा कनेटा स्थित नर्सिंग कॉलेज में एक शाम श्रीराम के नाम कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जाने माने कविओ ने प्रभु राम से ओत प्रोत रचनाओं का बखान किया। कवि सम्मेलन में कवि यशपाल यश, लटूरी सिंह लट्ठी समेत जाने माने विख्यात कवि शामिल हुए और भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़ी घटनाओं को सुनाया। लटूरी सिंह लट्ठ ने कहा कि सोशल मीडिया पर बात चल रही है हमारे शंकराचार्य भगवान श्रीराम के मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नहीं आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि वह भगवान राम को नहीं मानते। उनका जीवन भगवान राम का गुणगान करने में ही निकल रहा है। उन्होंने काव्य पाठ करते हुए पढ़ा कि अवध में आए हैं श्रीराम, खुशी से पागल हैं चारों धाम। इसे सुनकर कार्यक्रम में उपस्थित श्रोता जयश्रीराम के नारे लगाने लगे और पूरा वातावरण राममय हो गया। कवियों ने भगवान श्रीराम के जीवन को अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं तक पहुंचाया और उन्हें सीख दी कि मर्यादा में रहकर जीवन यापन करना कितना मुश्किल होता है। भगवान राम ने मर्यादा में रहकर असुरों का संहार किया और आज उन्हें पूरा देश उनके आदर्शाे को अपने जीवन में उतारने का प्रयास कर रहा है। मनुष्य को अपने जीवन में मर्यादाओं का पालन करना चाहिए।