फिरोजाबादः संवाददाता। कैला देवी मंदिर स्थित ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्विद्यालय सेंटर पर ब्रह्मा बाबा का 55 वां स्मृति दिवस पर भाई-बहनों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ब्रह्मा बाबा को याद करते हुए उनके द्वारा बताए गए आध्यात्म के मूल तत्व और सार को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
सेंटर की संचालिका सरिता दीदी ने कहा कि ब्रह्मा बाबा का जन्म वर्ष 1876 ई. में सिंध हैदराबाद के एक मुख्याध्यापक के घर में हुआ था। उनका बचपन का नाम दादा लेखराज था। बचपन से ही उनमें भक्ति भाव के संस्कार भरे हुए थे। एक दिन बाबा पूजा में बैठे हुए थे। इनको एक प्रकाश-पुंज नजर आया और तब से दादा लेखराज ब्रह्माबाबा के नाम से प्रसिद्ध हो गए। उन्होंने माताओं व बहनों को ट्रस्ट का ट्रस्टी बनाया अपनी सारी पूंजी ट्रस्ट के हवाले कर दी। इस प्रकार उन्होंने स्त्री जाति को सबसे ऊंचा दर्जा दिया। डॉ प्रभास्कर राय ने ब्रह्मा बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित कर कहा कि भारत भूमि को देव भूमि कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जब-जब भी मानवता पर किसी भी प्रकार का संकट हुआ, तब आध्यात्मिक शक्तियों ने अवतरित हो विश्व की नकारात्मक शक्तियों से रक्षा की तथा अपने त्याग, तपस्या व सेवा के बल पर समाज को नई दिशा दी। ऐसी ही महान विभूतियों में से एक थे ब्रह्मा बाबा। वरिष्ठ समाज सेविका कल्पना राजौरिया व जलकल बिभाग की अधिकारी आरती नें ब्रह्मा बाबा को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का संचालन खुशी बहन ने किया।
इस दौरान गौरव सचदेवा, गगन सचदेवा, राकेश गोयल सीए, शैलेंद्र शैली, अनुपम शर्मा, मनोज शर्मा, निशांत गर्ग, चन्द्र प्रकाश शर्मा, प्रेमपाल यादव, ओम प्रकाश शर्मा, डॉ धूर्व आचार्य, कमलेश सचदेवा, नीरू अरोरा, रीना विज, रजनी बहन, मीनू अरोरा, दिनेश उपाध्याय, प्रदीप यादव आदि आदि मौजूद रहे।