Sunday, November 24, 2024
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रायबरेलीः आखि़र कहां गायब हो गईं अष्टधातु की मूर्तियां ? ढाई वर्षों से गायब हुई मूर्तियों के रहस्य से एसपी भी अनजान..!

»अयोध्या उत्सव में ढाई वर्ष पूर्व हुई करोड़ों की अष्टधातु मूर्ति चोरी की घटना को भूल गई पुलिस
»मूर्ति खोजने में अधिकारियों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी, मंदिर में आज भी सूना पड़ा प्रभु का आसन
»ऊंचाहार क्षेत्र में जून 2021 को हुई थी बड़ी चोरी की घटना
रायबरेलीः पवन कुमार गुप्ता। उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में होने वाले उत्सव को लेकर इन दिनों देश भर में जबरदस्त माहौल है। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर प्रभु श्री राम की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम जैसे ही नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे ही पूरे प्रदेश के कोने-कोने में मंदिरों पर धार्मिक आयोजन होते दिख रहे हैं। अब तो ऐसा लग रहा है कि अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव को भाजपा ने अपनी भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। इस समारोह को भव्य बनाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अयोध्या का निरीक्षण कर रहे हैं और लोगों की धार्मिक भावना भी जागृत हो रही है। वहीं उत्तर प्रदेश में रायबरेली जिले की पुलिस अब लोक आस्था के साथ खिलवाड़ करती नजर आ रही है। बता दें कि विगत ढाई वर्ष पूर्व रायबरेली जिले में ऊंचाहार क्षेत्र के गोकना घाट स्थित एक मंदिर से अष्टधातु की बनी राधा कृष्ण समेत आधा दर्जन मूर्तियों को चोर उठा ले गए थे। जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों की आंकी जा रही थी। अब जिले के उच्च अधिकारी ही घटना की जानकारी न होने की बात कह रहे हैं तो शायद इस घटना को रायबरेली पुलिस अब भूल भी चुकी है।
घटना जून 2021 की है, जब रायबरेली जिले की पुलिस अपनी मुस्तैदी और जिले के अपराध पर लगाम लगाने के कसीदे पढ़ रही थी, इसी बीच अज्ञात चोरों ने पुलिस को चुनौती दे दी। 22 जून 2021 को ऊंचाहार क्षेत्र के गोकर्ण ऋषि की तपोस्थली गोकना गंगा घाट पर चांदी बाबा की कुटी स्थित राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी हरिशंकर तिवारी ने ऊंचाहार कोतवाली को दिए अपने प्रार्थना पत्र में पुलिस को बताया था कि बीती रात (21 व 22 जून 2021 की मध्य रात्रि) को मंदिर से राधा कृष्ण की अष्टधातु से बनी मूर्ति सहित, लक्ष्मी एवं पीतल की मूर्तियों में लड्डूगोपाल; विष्णु, कृष्ण एवं सभी के चांदी के मुकुट एवं चांदी की बांसुरी सहित आधा दर्जन मूर्तियां अज्ञात चोरों के द्वारा रहस्यमय ढंग से चोरी कर लिया गया। पुजारी हरिशंकर तिवारी की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया था।
वहीं घटना की हकीकत को जानने के लिए मौजूदा कोतवाल विनोद सिंह व सीओ अशोक सिंह ने पुलिस बल के साथ मौके का निरीक्षण किया था। साथ ही तत्कालीन पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने फॉरेंसिक और एसओजी टीम के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया था और उन्होंने बताया था कि ड्रोन के माध्यम से भी आसपास की स्थिति का निरीक्षण किया जाएगा। साथ ही पुलिस की टीम कई जिलों, कौशांबी, फतेहपुर रायबरेली, कानपुर, उन्नाव में छापेमारी कर रही है। परंतु आज करीब ढाई वर्षों से चोरी की यह बड़ी घटना पुलिस की फाइलों में ही दबकर दफन हो गई है। किसी भी उच्च अधिकारी ने इस फाइल को दोबारा खोलने की जरूरत नहीं समझी। अब जब अयोध्या में प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश भर में उत्सव और क्षेत्र के मंदिरों में भक्ति का माहौल है तब एक बार फिर से पुजारी और भक्तों में विश्वास जगी है कि शायद पुलिस अब ढाई वर्ष पूर्व हुई उस घटना के प्रति फिर से संजीदा हो सके और पुलिस टीम पुनः मूर्ति ढूंढने का कार्य करे।
अब तक 2 डीएम, 2 एसपी, 2 सीओ और 4 कोतवाल के हो चुके तबादलेः-
करीब ढाई वर्ष पूर्व ऊंचाहार क्षेत्र में हुई करोड़ों लागत की अष्टधातु मूर्ति चोरी की इस घटना के बाद से रायबरेली जिले में कई आलाधिकारियों का तबादला हुआ लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस पुरानी फाइल को खोलने की जहमत नहीं उठाई। जून 2021 में हुई जिले की इस बड़ी चोरी की घटना के बाद से रायबरेली जिले के 2 जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव व माला श्रीवास्तव, 2 पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार व आलोक प्रियदर्शी, 2 क्षेत्राधिकारी (डलमऊ) अशोक सिंह व इंद्रपाल सिंह और 4 कोतवाली (ऊंचाहार) प्रभारी विनोद सिंह, शिव शंकर सिंह, संजय त्यागी, बालेंदु गौतम के तबादले हो चुके हैं। उक्त घटना के बाद से जिले की तीसरी डीएम हर्षिता माथुर व तीसरे एसपी अभिषेक अग्रवाल, तीसरे सीओ अरुण नौहवार व पांचवें कोतवाल ऊंचाहार आदर्श सिंह वर्तमान में कार्यरत हैं। लेकिन शायद ढाई वर्ष पूर्व हुई करोड़ों की चोरी की घटना से यह सभी आज भी अनजान हैं।
वर्तमान पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा ?
वर्तमान पुलिस अधीक्षक रायबरेली अभिषेक अग्रवाल से जब जून 2021 की उक्त चोरी की घटना पर खुलासे के लिए गठित टीम व पुलिस की कार्यवाई के मौजूदा अपडेट के बारे में फोन पर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह चोरी की घटना हमारे संज्ञान में नहीं है, जानकारी करके ही कुछ बता पाऊंगा। गौरतलब बात यह है कि क्या उच्च अधिकारियों को पुरानी फाइलों से अवगत नहीं कराया जाता या फिर उन्हें धोखे में रखा जाता है।
अष्टधातु से बनी मूर्ति पर दशकों से चोरों की थी नजर:-
ऊंचाहार क्षेत्र में जून 2021 में गोकना घाट पर स्थित मंदिर से अष्टधातु की मूर्ति गायब होने के बाद वहां के पुजारी और स्थानीय लोगों ने यह भी बताया था कि अष्टधातु से बनी इस मूर्ति पर दशकों से चोरों की नजर थी। इससे पूर्व सन् 1968 और 2006 में मूर्ति की चोरी हुई लेकिन पुलिस की सक्रियता से मूर्ति को वापस ढूंढकर पुनः स्थापित करा दिया गया था। आज जब पुनः गोकना घाट के पुजारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कई बार पुलिस अधिकारियों से मूर्ति को ढूंढने के लिए गुहार लगाई गई, परंतु पुलिस आश्वासन ही देती रही है, भगवान राधा-कृष्ण की मूर्ति चोरी हो जाने के बाद से मंदिर पूरी तरह से सूना पड़ा हुआ है और मंदिर के प्रति आस्था रखने वाले लोग भी दुखी हैं।
वहीं वर्ष 2023 के नवम्बर माह में छपी एक खबर के मुताबिक, ऊंचाहार के मौजूदा कोतवाल आदर्श सिंह का कहना है कि उनसे पूर्व में रहे कोतवाली प्रभारी ने उक्त घटना के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी है।
फिलहाल इस घटनाक्रम पर सवाल यही उठता है कि आखिर अष्टधातु की मूर्तियां कहां गायब हो गईं.? और ढाई वर्षों से गायब हुई मूर्तियों के रहस्य से मौजूदा एसपी कैसे अनजान हैं ? मूर्तियों को खोजने में जिले की पुलिस के नाकाम होने में कहीं उच्च अधिकारियों के नेतृत्व की कमी तो नहीं ? क्या पुरानी फाइलों से नए अधिकारियों को अवगत नहीं कराया जाता.?
उल्लेखनीय यह है कि यदि ऐसे बड़े मामले में बिना सफलता के ही फाइनल रिपोर्ट लगा दी जाएगी तो क्या अपराध और अपराधियों को और बल नहीं मिलेगा? फिलहाल पूरी घटना की कहानी अभी भी फाइलों में ही बंद है। मंदिर के भगवान चोरों की तिजोरी में कैद हैं, चोर आजाद घूम रहे हैं और मंदिर के दरवाजे बंद पड़े हैं।