Sunday, November 24, 2024
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वी के सिंह की उम्मीदवारी पर ग्रहण

नई दिल्लीः जन सामना संवाददाता। केंद्रीय राज्य मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वी के. सिंह की टिकट पर पलीता लगता दिख रहा है। उत्तर प्रदेश के लिए जारी भारतीय जनता पार्टी की पहली सुची में सिर्फ जिताऊ कैंडिडेट पर भरोसा जताते हुए सभी 47 सीटों पर दोबारा मैदान में उतारा। वी के सिंह की फिर से उममीदवारी को लेकर पार्टी संसदीय बोर्ड में नकारात्मक राय है।
सियासी जानकारों की माने तो जिन सीटों पर अभी प्रत्याशी नहीं घोषित किए गए हैं उन पर जरूर बड़े फेर बदल देखने को मिल सकते हैं। इसमें वी के सिंह, मेनका गांधी, वरुण गांधी, बृजभूषण शरण सिंह, संघमित्रा मौर्य समेत कई लोंगों के नाम शामिल हैं। बीजेपी के एक सीनियर एमपी के अनुसार टिकट काटे जाने का मतलब यही होता है कि संसद या विधायक परफॉर्म नहीं कर पा रहे हैं। वी के सिंह एक बड़ा नाम है लेकिन उन पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और विकल में कोई रुची नहीं दिखाने का आरोप है। पार्टी कार्यकर्तों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं करती है। संभव है पूर्व सेना प्रमुख को क्षेत्र की उदासीन रवैैये का खामियाजा भुगतना पडे।
गाजियाबाद, खासकर राजधानी से सटे लोनी इलाके से पार्टी कार्यकर्ताओं की मिली भारी शिकायतों के बाद पूर्व सेना प्रमुख की उम्मीदवारी लटक गई है। मिल रही जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद में बदलाव की इच्छा जाहिर की है। लोनी की घोर उपेक्षा वी के सिंह के लिए भारी पड़ गई है।
सिंह के एक करीबी सूत्र के अनुसार कार्यकर्ताओं के साथ लोनी की उपेक्षा के विरोध में पार्टी के लिए काम कर रहे अन्य हिन्दूवादी संगठनों ने यह कहते हुए सिंह का विरोध किया है कि अगर उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया गया तो चुनाव में वे महज एकमूक दर्शक की भूमिका निभायेंगे। पार्टी के एक बड़े नेता ने कहा, चुनाव से पहले कराये एक सर्वेक्षण में सिंह की जीत को लेकर आशंका प्रकट की गई है। गाजियाबाद के लोनी इलाके की घर उपेक्षा को लेकर वहां के स्थानीय लोगों में भारी नराजगी है। लोनी आरड्ब्लयूए के एक पदाधिकारी ने कहा, हम मतदान की तारीख की प्रतीक्षा कर रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओँ के संगठित विरोध कारण भाजपा के स्थानीय पदाधिकारी व कार्यकर्ता मुखर रुप से उनका विरोध कर रहे हैं।
गाजियाबाद में भाजपा के एक सीनियर नेता ने कहा पिछले चुनाव में हमने लोनी के विकास का भरोसा दिया था वह झूठ साबित हुआ है। हमें लोंगों का सामना करने से परहेज करना पड़ रहा है। खास कर सड़कों की मरम्मत, नाले का निर्माण, गढ्डे और इलाके की विकास को लेकर न तो स्थानीय विधायक नंद किशोर गुर्जर और न ही सांसद वी के सिंह ने इनके समाधान को लेकर कोई पहल नहीं की।
16 लाख की आबादी वाले इस विधान सभा क्षेत्र के इंदिरा पुरी इलाके में व्याप्त विरोध के कारण बीते पांच सालों में सिंह पर मौके पर जाने का साहस नहीं जुटाने का आरोप है। केंद्रीय सरकार का दवाखाना सीजीएचएस, केंद्रीय विद्यालय की सथापना, मेट्रो रेल परियोजना, पहले ही सदधांत तौर पर स्वीकृत है उनके लिए भी कई तेज पहल नहीं हुई। इनको लेकर सथानीय स्तर होने वले लगातार विरोध प्रर्दशनों के बावजूद सिंह ने कोई पहल नहीं की। एक कार्यकर्ता ने कहा, अब हमारी पारी है…। लोनी का इलाका प्रदूर्षण की नजरिये से देश में नाम दर्ज किया है।