कानपुर नगर, स्वप्निल तिवारी। एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाला सामने आया हैं। जहाँ भगवान का दूसरा रूप कहे जाने वाले डॉक्टर्स ही जब मरीजों और उनके तीमारदारों के साथ ऐसा व्यवहार करें कि मरीज की जान चली जाए। इससे बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है ताजा मामला है उर्सला अस्पताल का जहां सांस की बीमारी और बुखार के चलते एक 60 वर्षीय व्यक्ति की अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते दर्दनाक मौत हो गयी। परिजनों ने डॉक्टर्स पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2 घण्टे तक इधर उधर ये कह कर भटकाते रहे कि इस रूम में चले जाओ उस रूम में चले जाओ और एडमिट तक नही किया डॉक्टर्स ने जिसके बाद उनकी बीच में ही मौत हो गयी। इस दौरान उर्सला के इमरजेंसी में परिजनों और डॉक्टर्स के बीच तू तू मै मै इमरजेंसी में जारी है।
2 घण्टे कटवाए अस्पताल के चक्कर, मरीज की मौत : अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही श्याम नगर के रहने वाले मृतक के बेटे संजीत कुमार ने बताया कि सुबह 10 बजे सांस की बीमारी के चलते सुखदेव राम (60) को उर्सला अस्पताल ले कर आये थे जहां ओपीडी में पहले पर्चा बनवाने के बाद उन्होंने कहा कि इन्हें 12 नंबर में दिखाइए या 26 में या 27 में वहां टहलते रहे काफी देर ऐसे ही मरीज को लिए टहलने के बाद कहा कि मरीज को 4 नंबर इमरजेंसी लेकर जाइये जहां इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर्स ने मरीज को भर्ती तक नही किया और कहा कि वापस ले जाओ। जिसके बाद मरीज की मौत हो गयी। वहीं 2 घण्टे तक दौड़ा दौड़ा कर मरीज को इधर-उधर घुमवाया इस दौरान अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते आखिर सुखदेव ने बीच में ही दम तोड़ दिया। इस दौरान इमरजेंसी के डॉक्टर नासिर ने बताया कि मरीज को यहां लाया ही नही गया यहां सीरियस पेशेंट हम लोग पहले देखते हैं। जबकि साफ साफ मृतक मरीज के तीमारदार कह रहे हैं कि हम यहां मरीज को लेकर आये हैं। लेकिन उन्होंने साफ साफ भर्ती करने से इंकार कर दिया। ऐसा में फिर से एक बार अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में है। वही इस मामले में सीएमओ अशोक शुक्ल ने इस मामले में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने का आश्वाशन दिया है जांच करने की बात कही है।