लखनऊ। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने राजस्व विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। अपने संबोधन में उन्होंने 10-जनपदों-शामली, फर्रुखाबाद, अमेठी, कुशीनगर, सुल्तानपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, कासगंज, सिद्धार्थनगर व अम्बेडकर नगर में रियल टाइम खतौनी का कार्य शत-प्रतिशत पूरा होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि रियल टाइम खतौनी का कार्य पूरा होने पर भूमि संबंधी विवादों पर अंकुश लगेगा। इसमें भूमि बेचने वाले का नाम खारिज कर खरीददार का नाम तत्काल दर्ज होगा। अभी तक नामांतरण खतौनी रोस्टर के अनुसार प्रत्येक छह वर्ष पर किया जाता रहा है। रियल टाइम खतौनी में भूमि के सही खातेदारों के नामों को एक क्लिक से पता किया जा सकेगा। इसमें खातेदार का अंश स्पष्ट होने से कृषि योजनाओं और किसान क्रेडिट कार्ड आदि बनवाने के लिए किसान को सुविधा होगी। उन्होंने रियल टाइम खतौनी का कार्य आगामी 30 जून, अंश निर्धारण का कार्य आगामी 31 दिसम्बर तथा घरौनी का कार्य आगामी 31 दिसम्बर तक पूर्ण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में कार्यों की अपेक्षित प्रगति नहीं हैं, उन जनपदों का अधिकारियों द्वारा दौरा किया जाये। कार्य में शिथिलता बरतने वाले कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाये। हर हाल में तय समय में कार्य पूरा होना चाहिये। उन्होंने कहा कि पुराने लम्बित राजस्व वादों के निस्तारण में प्रगति लायी जाये और नये दाखिल वादों को नियम समय-सीमा निस्तारित कराया जाये।
बैठक में बताया गया कि रियल टाइम खतौनी का कार्य समग्र रूप से 95.7 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इसी प्रकार वर्ष 2017 से संचालित खतौनी पुनरीक्षण एवं अंश निर्धारण का कार्य 75.37 पूर्ण हो चुका है, मात्र 07 जनपदों में अंश निर्धारण का कार्य 60 प्रतिशत से कम है। स्वामित्व योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि सभी 90,683 के ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। 57,780 ग्रामों का अन्तिम रूप से प्रपत्र-10 (घरौनी) तैयार हो चुकी हैं। अब तक कुल 80,38,220 घरौनियां तैयार हो चुकी हैं, जिसमें से 24 अप्रैल, 2023 तक 55,14,969 घरौनियों (37,834 ग्राम) का वितरण किया जा चुका है।
राजस्व वादों की स्थिति की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 16 सितम्बर, 2023 से 30 मई, 2024 के मध्य 18.6 लाख वाद दाखिल हुए। इस अवधि में पुराने लम्बित वादों सहित कुल 25 लाख वादों का निस्तारण किया गया। सर्वाधिक राजस्व वादों का निस्तारण लखनऊ, बलिया, गोरखपुर, प्रयागराज व आजमगढ़ में किया गया।
इसी प्रकार मण्डलीय न्यायालय में 14 फरवरी, 2024 से 30 मई, 2024 के मध्य 10,239 वाद दाखिल हुए। इस अवधि लम्बित वादों सहित कुल 14,858 वादों का निस्तारण किया गया। इसी तरह 16.09.2023 से 30.05.2024 के मध्य 1,24,646 पैमाईश, 16,43,123 नामांतरण, 49,972 कृषिक भूमि का गैर-कृषिक भूमि में परिवर्तन तथा 1,61,920 कूर्रा-बटवारा के वादों का निस्तारण किया गया। इसी प्रकार 05 दिसम्बर, 2023 से 30 मई, 2024 तक 40,686 धारा-67 (बेदखली) के वादों का निस्तारण कराया गया।
बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व पी0 गुरुप्रसाद, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिसद श्रीमती मनीषा त्रिघाटिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।