» निर्धारित तिथि से 10 दिन पहले ही जारी कर दिया गया नीट एग्जाम का रिजर्ल्ट
» 67 अभ्यर्थियों के समान नंबर व दो के गणनात्मक गुणांक के विपरीत संभवहीन प्राप्तांक ने खड़े किए सवाल
»जब देश भर में आम चुनाव के परिणाम घोषित हो रहे थे, लोगों का ध्यान देश के शासन को लेकर था तभी नीट परिणाम ने चौंकाया
कानपुर: पंकज कुमार। जब लोकतंत्र के उत्सव के आखिरी दौर में लोग टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया पर खबरों के लिए टकटकी लगाए बैठे थे, गली मौहल्लों में राजनैतिक चर्चाओं का बोलबाला था तब देश के चिकित्सा शिक्षा महिविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली प्रतिष्ठित परीक्षा (नेशनल इलेजिबिलिटी-इन्ट्रेंस टेस्ट) नीट का रिजल्ट घोषित किया गया था। यह रिजर्ल्ट अपनी निर्धारित तिथि 14 जून से दस दिन पूर्व यानी 4 जून को ही घोषित कर दिया गया है। इसको लेकर परीक्षार्थियों सहित कोचिंग संस्थानों व अभिभावकों के बीच गड़बड़झाले की आशंका जताते हुए नीट परिणाम-2024 को रद करने क मांग उठाई है।
नेशनल टेस्टिंग एजेन्सी (एनटीए) द्वारा जारी इस नीट परीक्षा परिणाम पर सवाल खड़ेे किए गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नीट परीक्षा परिणाम में 67 परीक्षार्थियों ने 720 में से 720 अंक हासिल कर टॉप किया है जिसमें 14 बेटियां शामिल हैं। वहीं दो अभ्यर्थियों को 718 व 719 नम्बर मिले हैं जोकि अंकीय गुणांक के साथ निगेटिव मार्किंग की गणना मुताबिक असंभव बताया जा रहा है। वहीं एनटीए ने इन सभी दावों को खारिज कर दिया है।
परीक्षा का आयोजन गत 5 मई को देश के विभिन्न एग्जाम केन्द्रों पर किया गथा था। इस परीक्षा में लगभग 23.33 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जिनमें 10 ट्रांसजेण्डर अभ्यर्थी भी शामिल हुए थे। रिजर्ल्ट में 13, 16,268 अभ्यर्थी सफल रहे हैं।
एक कोचिंग संचालक ने कहा है कि नीट के परिणाम में निःसंदेह गड़बड़ी की संभावना प्रबल है। उन्होंने कहा है कि 718 व 719 प्रप्तांक होना कैल्कुलेशन के तहत संभव नहीं होता क्योंकि माईनस मार्किंग और सही प्रश्न के अंकों के अंकीय गुणांक में यह अंक प्राप्त करना संभव प्रतीत नहीं होता है। ऐसे में देश के भविष्य को ध्यान में रखकर परिणाम को तत्काल रद करते हुए जांच कराई जानी चाहिए। इसी बीच दावा यह भी किया जा रहा है कि एक ही केन्द्र के आठ अभ्यर्थी टॉपर में शामिल हैं। इनके रोल नंबर भी मिलते जुलते हैं। परीक्षा में अंको के आधार पर प्राप्त रैंकिंग पर भी सवाल खड़ेे किए गए हैं। दावा किया जा रहा है कि इतनी हाई कटऑफ पहले कभी नहीं आई है। आपको बता दें नीट के माध्यम से रेंकिग तय होती है और इसी आधार पर एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस जैसे जिकित्सा शिक्षा कोर्स में दाखिल प्राप्त किया जाता है।
न्यायालय की चौखट पर दस्तक
नीट 2024 के कथित पेपर लीक की घटना का हवाला देते हुए सर्वाेच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया गया है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नीट ने एक स्पष्टीकरण भी जारी किया है जिसमें कहा गया है कि नीट यूजी 2024 परीक्षा के दौरान समय-समय खराब होने को लेकर कुछ कोर्ट केस एनटीए के पास आए थे। जिसके बाद सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा 13 जून 2018 के नॉर्मलाईजेशन से जुड़े आदेश को लागू किया गया। परीक्षा के दौरान समय खराब होने की वजह से कोर्ट के इसी आदेश के आधार पर कई अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए गए है इसलिए उनके नंबर 720 में से 718 या 719 आए हैं। हलांकि पेपर लीक की घटना पर एनटीए ने इसे खारिज कर कहा कि पेपर लीक नही हुआ है।