नई दिल्लीः राजीव रंजन नाग। कांग्रेस नेता राहुल गांधी यदि वायनाड लोक सभा सीट से इस्तीफा जेते हैं तो माना जा रहा है कि उनकी बहन प्रियंका गांधी वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। पार्टी सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार राहुल गांधी ने वायनाड की सीट से इस्तीफा देने का मान बना लिया है।
गांधी परिवार उत्तर प्रदेश में अपनी उपस्थिति बनाये रखना चाहता है। लिहाजा राहुल रायबरेली सीट से अपनी उम्मीदवारी बनाये रखने के पक्ष में हैं। यह तब और महत्वपूर्ण हो जाता है कि चुनाव के दौरान अपनी सीट छोड़ते वक्त सोनिया गांधी ने रायबरेली के लोगों कहा था कि मैं अपना बेटा आपको सौंप रही रही हूं।
वायनाड की अपनी यात्रा के दौरान, श्री गांधी ने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से कहा था कि उन्हें इस बात को लेकर दुविधा का सामना करना पड़ रहा है कि दोनों सीटों (वायनाड-रायबरेली) में से किसे चुना जाए, क्योंकि उन्होंने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में दोनों सीटें जीती हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनके फैसले से लोग खुश होंगे। उनके करीबी सूत्रों ने कहा था कि उन्होंने यह फैसला यह सोचकर किया था कि अगर वह लोकसभा चुनाव भी जीत जाती हैं, तो इससे संसद में तीन गांधी होंगे- उनकी मां, भाई और वह- जिससे उनके परिवार के खिलाफ भाजपा के वंशवादी राजनीति के आरोप को बल मिलेगा। हालांकि, उन्होंने रायबरेली और अमेठी में जमकर प्रचार किया था, दोनों ही सीटों पर उनकी पार्टी ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी।
जब लोकसभा के नतीजे घोषित हुए, तो समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन ने उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 43 पर जीत हासिल करके भाजपा और चुनाव विशेषज्ञों को चौंका दिया, जबकि कांग्रेस अकेले ही 2019 की अपनी एक सीट से छह सीटों पर पहुंच गई।
भाजपा, जिसने पिछली बार 62 सीटें जीती थीं, इस बार 33 पर सिमट गई, जो समाजवादी पार्टी की 37 सीटों से चार कम है। लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद स्वीकार करने के सवाल पर कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने कहा कि सही समय पर वह निर्णय लेंगे, हालांकि उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख संगठनात्मक जिम्मेदारी को भी उतना ही महत्वपूर्ण मानते हैं। “अगर राहुल यह पद लेते हैं, तो इसका एकमात्र नुकसान यह है कि उन्हें अधिक समय दिल्ली में ही रहना पड़ेगा। हमें फैसला लेने से पहले सभी पक्षों का आकलन करना होगा।
उन्होंने यहां तक दावा किया कि अगर उनकी बहन वाराणसी में उनके खिलाफ़ लड़तीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “दो-तीन लाख वोटों” से हार जाते। 2024 के आम चुनावों से पहले प्रियंका का चुनावी पदार्पण एक बहुप्रतीक्षित मुद्दा था, खासकर तब जब सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट छोड़ दी थी जिस पर वह 2004 से काबिज थीं। अब वह राज्यसभा सांसद बन गई हैं।