मथुरा। कान्हा की नगरी में गंगा दशहरा का पर्व मनाया गया। मथुरा, वृंदावन, गोकुल, ब्रह्मांड घाट, चिताहरण महादेव समेत ग्रामीण अंचल में भी श्रद्धालुओं ने यमुना में उद्धार डुबकी लगाई। मंदिरों के दर्शन किए। मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा।
गंगा दशहरा पर यमुना स्नान का सर्वाधिक महत्व विश्राम घाट पर माना जाता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यमुना के विश्राम घाट सहित अन्य घाटों पर स्नान करने पहुंचे। सुबह से दोपहर तक लोगों ने स्नान किया। द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन किए। यमुना के दोनों किनारों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। वृंदावन में भी देश-विदेश के श्रद्धालुओं ने स्नान किए। मंदिरों में दर्शन कर पंचकोसी परिक्रमा लगाई। शाम को मंदिरों में फूल बंगला में विराजमान होकर ठाकुर जी ने दर्शन दिए। देर रात तक भक्तों की भीड़ दर्शन करने को मंदिरों में पहुंचती रही। गोकुल, ब्रह्मांड घाट और चिताहरण महादेव मंदिर घाटों पर भी आसपास के लोग यमुना स्नान करने पहुंचे। धार्मिक मान्यता है, इस दिन गंगा-यमुना में स्नान करने से भक्त के कष्ट दूर होते हैं। पूजा अर्चना कर दान पुण्य करने से मनोकामना पूर्ण होती है।
सात चेंजिंग रूम, दो खोया पाया केंद्र, दो मोबाइल टॉयलेट, दो पानी के टैंकर, 12 गोताखोर, 15 नाव और 4 स्टीमर और 30 कर्मचारियों की अलग-अगल शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है। लगातार श्रद्धालुओं को आगाह करने के लिए उद्घोषणा की जा रही कि गहरे पानी में न जाएं।
-एके सिंह, अपर नगर आयुक्त