फिरोजाबाद। पुण्यात्मा जीव अपने स्वप्न में भी पुण्य के करता करता है, ऐसा आचार्य वसुंनंदी गुरुदेव ने महावीर जिनालय में धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा।
उन्होंने कहा जिस जीव के पुण्य जब उदय में आता है, तो वह हमेशा प्रसन्न रहता है उसके चेहरे पर मुस्कुराहट रहती है और वह राग द्वेष से विरक्त रह कर सदैव अच्छे धार्मिक कार्यों में लगा रहता है। वहीं जिस जीव के पाप उदय में आता है वह जीव सदैव गलत कार्यों में लीन रहता है, उसको अच्छे कार्य अर्थात भगवान के नित्य दर्शन, पूजा, पाठ तथा गुरु के वचन अच्छे नहीं लगते। वह जीव सदैव राग द्वेष में विलुप्त रहकर वासना और लालच के कार्यों में अपना जीवन गुजार देता है। उन्होंने कहा कि है भव्य आत्माओ जिन संतों के वर्षा योग समस्त भारत वर्ष में प्रारम्भ हो गए हैं। अतः इस वर्षा योग के चार महीने पुण्य के कार्यों में लीन होकर अपनी आत्मा का कल्याण करो। गुरु वसुंनंदी के कलश स्थापना समारोह में मुख्य रूप से अशोक जैन, अनुज जैन, अभिषेक जैन तुलसी बिहार, सुनील जैन देहली, संतोष जैन रेता वाले, राकेश जैन, रेखा जैन, निमित जैन, राजीव जैन रागी, संजीव जैन छोटू, पंकज जैन, अलका जैन, सुमन जैन ने चातुर्मास कलश की स्थापना की। धर्मसभा में सेठ महावीर प्रसाद जैन, विनोद जैन मिलेनियम, मुकेश कुमार जैन, अनुज जैन, अजय जैन एडवोकेट, गुल्ली जैन, राजेश जैन अनिल कुमार जैन, मोहित गर्ग, डॉ महेन्द्र जैन, श्रेयांश जैन, दीपक जैन, चंद्र प्रकाश जैन, मनीष जैन किड्स, मयंक जैन माइक्रोटेक, सभासद सुनील मिश्रा, संजीव जैन एडवोकेट, मनोज जैन दद्दा, दीपक जैन अत्तार के साथ अनेकों गुरुभक्त उपस्थित थे।