पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। सावन माह शिवभक्तों के लिए काफी उत्साह भरा होता है और लाभकारी भी,वैसे तो सावन का पूरा महीना शिव जी का ही है परंतु सावन माह में आने वाले सोमवार बहुत ही खास होता है और इस दिन को भगवान शिव का विशेष दिन माना जाता है। सभी शिवभक्त गंगा जी से जल भरकर पूरे सावन भर और खासकर सोमवार को शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए भारी संख्या में उमड़ते हैं। काफी शिवभक्त व्रत रखकर, घरों व मंदिरों में रुद्राभिषेक करके विधि विधान से भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं।
इस वर्ष सावन महीने की शुरुआत विगत 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से हुई थी और इसकी समाप्ति भी 19 जुलाई 2024 सोमवार के दिन ही होगी। इस सावन माह में कुल 5 सोमवार पड़ेंगे। इस तरह सावन माह के दो सोमवार बीत चुके हैं और आज सावन माह का तीसरा सोमवार है। आज भोर से ही मां गंगा के घाटों (गोकना,तीर का पुरवा, गेंगासों, डलमऊ इत्यादि) पर श्रद्धालुओं और कांवड़ियों की भारी भीड़ उमड़ी। घंटा घड़ियालों की ध्वनि और हर हर महादेव के जयकारों से मां गंगा के घाट पूरी तरह गुंजायमान हो उठे। सभी श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया और शिवभक्तों ने मां गंगा से कांवड़ में जल भरकर शिवालयों में जलाभिषेक करने पहुंच गए।
आज सावन माह का तीसरा सोमवार है और ऊंचाहार क्षेत्र के मिर्जापुर ऐहारी में भगवान भोलेनाथ का परम धाम बूढ़े नाथ बाबा मंदिर में भोर से ही भगवान बूढ़े नाथ बाबा के दर्शन प्राप्त करने और जलाभिषेक करने हेतु शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और कांवड़ियों ने भी भगवान पर जलाभिषेक किया। शिव जी की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए शिवभक्त व्रत भी रखते हैं।
कहा जाता है कि भगवान शिव अपने सभी भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें इच्छित वरदान भी देते हैं, यदि शिव जी को कोई भी भक्त सिर्फ जलाभिषेक भी करता है तो भी वह अपने भक्त तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं, इसलिए उन्हें आशुतोष भी कहा जाता है। साथ ही शास्त्रों और विद्वानों के अनुसार सावन में शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, बेर, शमी पत्र, कनेर के पुष्प अर्पित किए जाते हैं। जिससे भगवान शिव अपने भक्तों पर जल्द प्रसन्न होते हैं।
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