फिरोजाबाद। महावीर जिनालय छदामीलाल जैन मंदिर में चातुर्मास कर रहे आचार्य वसुनंदी महाराज ससंघ के सानिध्य में दसलक्षण पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी क्रम में एक विशाल दस दिवसीय श्रावक साधना एवं धर्म संस्कार शिविर का आयोजन भी चल रहा है। फिरोजाबाद ही नही बल्कि दूर दूर से आए सैकड़ो भक्त शिविर में भाग लेकर धर्म का ज्ञान अर्जित कर रहे है।
दसलक्षण पर्व के तीसरे दिन नगर में उत्तम आर्जव धर्म की धूम रही। सोमवार को आचार्य श्री ने उत्तम आर्जव धर्म के बारे मे विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति यदि बुरे काम करता है, आगे चलकर बुरे कर्म उसे ही खा जाते हैं। दगा किसी का सगा नहीं, नहीं माने तो करके देखो, जिसने भी दगा किया है, उनके जाकर घर देखो। झूठ बोलकर, चोरी करके, फरेब करके, छल कपट से आप संपत्ति को इकट्ठा तो कर सकते हैं किंतु उसे भोग नहीं सकते हैं। यह बात परम सत्य है कि आप दुनिया की आंखों में धूल झोंक सकते हो किंतु प्रभु परमात्मा की आंखों में नहीं। आप अपनी आत्मा से कुछ छुपा नहीं सकते हो, क्योंकि खुद से और खुदा से कुछ भी छुपता नहीं है। आचार्य श्री ने आगे कहा कि पाप और पारा कभी पचता नहीं है यदि पाप किया है तो निकाल कर सामने आएगा और यदि कच्चा पारा खा लिया है तो पेट में छेद करके बाहर निकल जाएगा। आचार्य श्री ने अंत में कहा कि छल कपट करना अच्छी बात नहीं है इसे त्याग देना चाहिए। धर्मसभा में चातुर्मास समिति के अलावा सैकड़ो श्रावको ने खुद को धन्य बनाया। वर्षायोग समिति के मीडिया प्रभारी अजय जैन बजाज एवं राज जैन ने बताया की पर्युषण पर्व पर शायकालीन सभा में आचार्य श्री की महाआरती, सामायिक तथा शास्त्र स्वाध्याय हुआ, जिसमे काफी लोगो ने भाग लेकर धर्मलाभ लिया।