Wednesday, November 6, 2024
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उजाले के रूप में ‘उपज’ को प्रकट कर गए कर्णः शिव शरण सिंह

♦ राधेश्याम लाल कर्ण ने ईमानदारी और निष्पक्षता से की पत्रकारिताः वीरेंद्र सक्सेना
♦ राजधानी के पत्रकारों ने उपज महामंत्री को शोक सभा आयोजित कर दी श्रद्धांजलि
लखनऊः जन सामना डेस्क। उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (उपज) के महामंत्री राधेश्याम लाल कर्ण के आकस्मिक निधन पर मंगलवार को शोक सभा का आयोजन किया गया। सभा में राजधानी के वरिष्ठ पत्रकारों और उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (उपज) के सदस्यों, पदाधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी।
विधायक निवास दारुलशफा के कॉमन हाल में आयोजित शोक सभा में स्व0 श्री कर्ण को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार और उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्य सूचना आयुक्त वीरेंद्र सक्सेना ने कहा, ‘‘राधेश्याम कर्ण ईमानदारी और निष्पक्षता से पत्रकारिता करते थे। उन्होंने पूर्ण समर्पण के साथ संगठन का भी कार्य किया। उनकी पत्रकारिता और संगठन क्षमता नए पत्रकारों के लिए प्रेरणा देती रहेगी।’’
वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने कहा, ‘‘राधेश्याम लाल कर्ण बहुत ही सामान्य और साधारण स्वरूप में रहते थे। लेकिन उनका व्यक्तित्व प्रेरक था। वे सभी का बहुत सम्मान करते थे। नए पत्रकारों को बहुत प्रेम करते थे। कर्ण जी में अहंकार कतई भी नहीं था।’’
वरिष्ठ पत्रकार पीटीआई भाषा के पूर्व राज्य प्रमुख और राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद गोस्वामी ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि हमारे कर्मठ साथी का निधन अत्यंत कष्टकारी है। उनके निधन से पत्रकारिता और संगठन को जो क्षति हुई है उसे पूरा करना असंभव है। उन्होंने कहा कि कर्ण जी बेवाक पत्रकार थे। वे अपनी बात को बहुत ही बेवाक ढंग से कहते थे।
शोक सभा में उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के पूर्व सचिव और आईएफडब्लूजे के मंडलीय अध्यक्ष शिव शरण सिंह ने कहा कि राधेश्याम लाल कर्ण ने एक नए उजाले के रूप में उपज को प्रकट किया। यह उनकी अनन्य ऊर्जा और क्षमता से ही संभव हुआ। उनके मन के भाव बहुत सुंदर थे वे आत्मीयता से मिलते थे। उन जैसे एक संगठनकर्ता का निधन उपज ही नहीं सभी पत्रकार संगठनों की क्षति है। इस क्षति को पूरा करना सम्भव नहीं है।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार हेमंत कृष्ण ने महामंत्री स्व कर्ण की स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि वे उपज के लिए जीते थे। उनकी अपनी कोई जिंदगी नहीं थी, वे हर समय उपज की चिंता और विस्तार की ही चर्चा करते थे और योजना बनाते थे। उन्होंने एक बड़ी लकीर खींच दी है अब इससे बड़ी लकीर संगठन में कौन खींचेगा।
वरिष्ठ पत्रकार और नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजीव शुक्ल ने कहा कि इतना शांत और मौन रहने वाला व्यक्ति कितना बड़ा काम कर सकता है इस बात के उदाहरण थे राधेश्याम लाल कर्ण। हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई शांत और चुप रहने वाला व्यक्ति इतना बड़ा काम कर देगा।उनकी ऊर्जा का अनुभव हमें तब हुआ जब उन्होंने एक संगठन बना कर खड़ा कर दिया और उसका पूरे प्रदेश में विस्तार कर दिया।
उपज के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश कुमार सिंह ने कहा कि कर्ण जी इस संगठन के सिर्फ संस्थापक महामंत्री ही नहीं बल्कि कर्णधार थे। वे उपज के जन्मदाता थे। उनके निधन से आज उपज स्वयं को अनाथ महसूस कर रही है। उनके अंदर जो असीम ऊर्जा और संगठन क्षमता थी उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश के अधिकांश जिलों में संगठन है। उनकी कल्पना और योजना से कम समय में ही उपज की पत्रिका का प्रकाशन शुरू हो गया। पत्रकार कल्याण कोष आरम्भ हो गया। वे बहुत ही दूरदर्शी संगठनकर्ता थे उनकी योजना थी कि उपज को पत्रकारों के प्रशिक्षण के लिए भी कार्य करना चाहिए। अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि राधेश्याम लाल कर्ण को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी कि उनके काम को आगे बढ़ाया जाए और उनकी कल्पना और योजना के अनुसार उपज को नया आयाम और विस्तार प्रदान किया जाए।
उपज विधि प्रकोष्ठ के संयोजक और इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता मो0 तल्हा ने कहा कि जब सूचना मिली कि कर्ण जी नहीं रहे तो ऐसा लगा जैसे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। वे बहुत ही नेक इंसान थे। बहुत ही कम समय में उन्होंने हम पर गहरा प्रभाव छोड़ा था। उनके व्यवहार और प्रेम को भुलाया नहीं जा सकता।
शोक सभा में जिला इकाई के मो फैजान, आफताफ, एडवोकेट मो अल्ताफ, तमन्ना, सुशील सहाय और विकास कुमार ने भी विचार व्यक्त कर महामंत्री राधेश्याम लाल कर्ण को श्रद्धांजलि दी।