मथुरा। उत्तर प्रदेश पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान (दुवासु), मथुरा का 14वां दीक्षांत समारोह सोमवार को राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। महामहिम राज्यपाल जी ने 14वें दीक्षांत समारोह में 129 उपाधियों, जिसमें 64 पशु चिकित्सा स्नातकों, 19 उपाधि जैव प्रौद्योगिकी स्नातको, 42 स्नातकोत्तर छात्रों तथा 04 पीएचडी धारकों को उपाधियां प्रदान की गई। उन्होंने विशेष योग्यता वाले 13 विद्यार्थियों को 21 पदक दिए। उन्होंने बटन दबाकर बच्चों की अंक तालिका तथा डिग्रीयों को डिजी लॉकर में समावेश किया। राज्यपाल जी ने विश्व विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा प्रकाशित विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया। डेयरी साइंस के प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया। राज्यपाल जी ने जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह, मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा को आंगनबाडी हेतु एक क्ले की किट प्रदान की गई। राज्यपाल ने 10 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को आंगनबाडी केन्द्रों हेतु संसाधनों किटों का वितरण किया गया, जिसमें टेबिल, चेयर, क्ले, खिलौने, डस्टर, धोडे आदि को दिया गया। उन्होंने ब्लॉक चौमुहां के आंगनबाडी केन्द्र गढ़ दद्दी की कार्यकत्री रेखारानी को उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया। कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा कहानी, चित्रकला, कथन, भाषण आदि अन्तर विद्यालय प्रतियोगिताओं में विजेता छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। उक्त प्रतियोगिता का विषय मेरा विकसित भारत था। विश्व विद्यालय के छात्र छात्राओं के नवाचार बकरी के दूध से बने प्रो बॉयोटिक योगर्ट की राज्यपाल ने सराहना की। राज्यपाल द्वारा राजभवन से लाई गई पुस्तकों को जनपद के विभिन्न विद्यालयों हेतु भेंट किया गया। राज्यपाल ने विश्व विद्यालय के उपाधि तथा डिग्री पाने वाले समस्त छात्र-छात्राओं को शुभकमानाएं एवं बधाई दी। उन्होंने कहा कि विश्व विद्यालय द्वारा आज आंगनबाडी बच्चों के लिए हेल्थ किट बांटी गई हैं, जो बहुत सराहनीय कार्य है। छोटे छोटे बच्चे आंगनबाडी आते हैं, उनके स्वास्थ्य को सर्वाेपरि रखते हुए उन्हें छोटा टॉवेल इस किट में दिया गया है, जिससे वे अपने हाथों, नाक एवं मुंह को साफ सुथरा रख सकें। स्वच्छता हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, जिससे हम बीमारी से दूर रहें। हेल्थ किट में छोटा शीशा/आईना है, जिससे बच्चा अपना बाल, अपना चेहरा आदि देख सकता है। हेल्थ किट में बाल काढ़ने के लिए कघी। छोटे छोटे बच्चों की शर्ट में यदि बटन न हो तो उसके लिए हेल्थ किट में अलग अलग कलर की बटनें, सूई, धागा आदि उपलब्ध है। हेल्थ किट में बच्चों के हाईजिन के दृष्टिगत नेलकटर उपलब्ध है, क्योंकि छोटे-छोटे बच्चे मिटटी में खेलते हैं और यदि नाखून बड़े होंगे, तो किटाणु उनके नाखूनों के माध्यम से भोजन के दौरान बच्चों के पेट में जायेंगे, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक दिन एक पीरियड नाखून काटने के लिए होना चाहिए। किट में दवाईयां भी उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि आज के इस दीक्षांत समारोह में 129 उपाधियों प्रदान की गई हैं, जिसमें 64 उपाधि वेटेनरी स्नातक को. 19 उपाधि जैव प्रौद्योगिकी स्नातक को 42 उपाधि वेटेनरी परास्नात को तथा 04 वेटनरी शोध उपाधि दी गई। सभी उपाधियों डिजीलॉकर में अपलोड कर दी गई हैं। विद्यार्थी अपनी सुविधा से ये उपाधि डाउनलोड कर प्राप्त कर सकते हैं. जो पहले व्यवस्था नहीं थी, अब आपको बार बार विश्व विद्यालय नहीं आना पड़ेगा, अब आप डाउनलोड करके देख सकते हो। विशेष योग्यता वाले 13 विद्यार्थियों को 21 पदक दिए गए हैं। विशेष बात ये है कि पदक प्राप्त करने वालों में 06 छात्राएं हैं और 07 छात्र हैं। ये विशेष इसलिए है कि इधर लगातार जितने भी दीक्षांत प्रदेश में हो रहे हैं, इसमें सबसे ज्यादा बेटियों ने पदक प्राप्त किये हैं। इसके लिए आप सब बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि जिनको पदक नहीं मिले हैं उनको नाराज होने की जरूरत नहीं है, आप सब बधाई के पात्र हैं। पिछले 10-11 वर्षों में महिला सशक्तिकरण और हर क्षेत्र में महिलाओं को जो सुविधाएं दी गई हैं, उसका प्रभाव आज हर क्षेत्र में दिखाई पड़ता है। आज प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएं योगदान दे रही है, फाइटर प्लेन उड़ा रही है, सेना की अग्रणी पंक्ति में शामिल हो रही हैं, ट्रेन चला रही हैं। वे सभी क्षेत्र जिन्हें पहले पुरुष प्रधान सेकओं में गिना जाता था, यहाँ हर जगह अब महिलाएं भी सेवा दे रही है। अब ऐसा कोई भी क्षेत्र बाकि नहीं है, जहां महिला काम कर न रही हो। कोई भी राष्ट्र तब तक विकसित नहीं कहा जा सकता जब तक यहाँ की महिलाएं सुरक्षित न हों और प्रगतिशील न हों। पिछले कुछ सालों से गाँवों की तस्वीर बदली है। गाँव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना, ये सरकार की प्राथमिकता है। अब ये विजन है कि भारत के गाँव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गाँव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें, उन्हें पलायन ना करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो इसीलिए गाँवों में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान, स्वच्छ भारत अभियान के जरिए घर-घर में शौचालय, पीएम आवास योजना के तहत अपने मकान, ग्रामीण इलाकों में करोड़ों परिवारों को जल जीवन मिशन से घर तक पीने का साफ पानी जैसी तमाम सुविधाओं को पहुँचाया गया है। आज देश में 23 आईआईटी हैं, सिर्फ एक दशक में ट्रिपल आईटी की संख्या 09 से बढ़कर 25 हो चुकी है, आईआईएम की संख्या 13 से बढ़कर 21 हो चुकी है। 10 साल में एम्स की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है. 10 साल में मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी करीब-करीब दोगुनी हो गई है। विश्वविद्यालय हों, हर स्तर पर शानदार परिणाम दिख रहा है। क्यूएस रैंकिंग में भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों की बढ़ती संख्या, भारत की शिक्षा संस्थानों का बढ़ता हुआ ये सामर्थ, विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उनके द्वारा गोवा का दौरा किया गया था, जहां विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विश्व विद्यालयों द्वारा संयुक्त रूप से शोध एवं रिसर्च करने के कार्य को किया जा रहा था। हमें भारत के साथ साथ विश्व स्तरीय विश्व विद्यालयों से भी स्पर्धा करनी है। उत्तर प्रदेश पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान (डूवासु), मथुरा के कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव, मुख्य अतिथि नीति आयोग भारत सरकार के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद, जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना, अपर जिलाधिकारी प्रशासन विजय शंकर दूबे, नगर मजिस्ट्रेट राकेश कुमार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रिंकू सिंह राही आदि मौजूद रहे।
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