मथुरा। नोएडा निवासी 6 वर्षीय काव्यांश की किडनी ने काम करना बंद कर दिया था, हीमोग्लोबिन 4 हो गया था और पेशाब भी नहीं आ रहा था। बच्चे के पिता काव्यांश को लेकर सिम्स हॉस्पिटल मथुरा आये और वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. आशीष शर्मा ने अथक परिश्रम और बेहतर इलाज से काव्यांश को बिल्कुल ठीक कर दिया है। अब काव्यांश का हीमोग्लोबिन बढ़ चुका है और इसका क्रिएटिनिन कंट्रोल में आ चुका है और डायलिसिस बिल्कुल बंद है और कुछ समय बाद दवाईयाँ भी धीरे धीरे बंद हो जाएंगी।
इस अवसर पर सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के नेफ्रोलॉजी विभाग के डायरेक्टर एवं वरिष्ठ सलाहकार डॉ. आशीष शर्मा ने कहा कि नोएडा निवासी 6 वर्षीय काव्यांश जब सिम्स हॉस्पिटल में आए तो जरूरी जाँचों से ज्ञात हुआ कि काव्यांश का हीमोग्लोबिन 4 है, पेशाब बिल्कुल बंद हो गया था और किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। इनके घर वालो को किसी हॉस्पिटल में कहा कि बच्चे की डायलिसिस होगी जो चलती रहेगी और इनके किसी रिश्तेदार ने काव्यांश को इलाज के लिए सिम्स हॉस्पिटल भेजा। हमने 2-3 घंटे में बच्चे की डायग्नोसिस बनाई। फिर बच्चे का उचित इलाज प्लाज्मा एक्सचेंज किया और जरूरत को देखते हुए हमें बच्चे की 3 डायलिसिस करनी पड़ी। अब बच्चा बिल्कुल ठीक है, काव्यांश का हीमोग्लोबिन बढ़ चुका है और इसका क्रिएटिनिन कंट्रोल में आ चुका है और डायलिसिस बिल्कुल बंद है और कुछ समय बाद दवाईयाँ भी धीरे धीरे बंद हो जाएंगी। मैं सभी को यह कहना चाहता हूँ कि किडनी का इलाज सम्भव है, डायलिसिस परमानेंट नहीं होती अगर उचित समय पर उचित इलाज मिल जाये तो डायलिसिस बेहतर इलाज द्वारा बंद की जा सकती है।
इस अवसर पर सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के चेयरमैन डॉ. गौरव भारद्वाज ने कहा कि सिम्स हॉस्पिटल में हर तरह के किडनी रोग का सर्वश्रेष्ठ इलाज मौजूद है। यहाँ नेफ्रोलॉजी एवं डायलिसिस विभाग में डॉ. आशीष शर्मा और यूरोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट विभाग में डॉ. शिवकुमार चाहर को मूत्ररोग, प्रोस्टेट का इलाज और किडनी की पथरी का लेजर द्वारा बिना ऑपरेशन के आरआईआरएस तकनीक द्वारा सर्वश्रेष्ठ इलाज करते है।