कानपुर नगर। शिविर कार्यालय में मण्डलायुक्त के. विजयेन्द्र पाण्डियन की अध्यक्षता में गेहूं क्रय के संबंध में एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में मंडलायुक्त ने गेहूं क्रय की धीमी गति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि लक्ष्य के अनुरूप क्रय कार्य में तेजी लायी जाए और किसानों को क्रय केंद्रों पर हरसंभव सहायता दी जाए।
मण्डलायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि गेहूं क्रय में लापरवाही बरतने वाले विपणन निरीक्षकों की जवाबदेही तय की जाए और ग्राम स्तर तक जाकर किसानों से संवाद स्थापित किया जाए, जिससे अधिक से अधिक किसान समर्थन मूल्य का लाभ प्राप्त कर सकें। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि गेहूं क्रय कार्य की प्रतिदिन समीक्षा की जाए और विपणन विभाग के साथ समन्वय बनाकर कार्य किया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि रबी क्रय वर्ष 2025-26 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (यूपीएसएस) द्वारा 13 स्वीकृत क्रय केंद्रों पर अब तक केवल 5.67 प्रतिशत गेहूं की खरीद की गई है। इस पर मण्डलायुक्त ने गहरी नाराजगी जाहिर की और निर्देश दिए कि कम क्रय करने वाली एजेंसियों व संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी जारी की जाए।
इसके विपरीत, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा 36.28 प्रतिशत गेहूं की खरीद की गई है, जो सबसे अधिक है। वहीं, मंडी परिषद द्वारा केवल 5 क्रय केंद्रों पर ही खरीद की गई, जिसे मण्डलायुक्त ने असंतोषजनक बताया। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अगले एक सप्ताह के भीतर निर्धारित क्रय लक्ष्य प्राप्त करें, अन्यथा लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि मण्डल में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2425 प्रति कुंतल निर्धारित है तथा क्रय अवधि 17 मार्च 2025 से 15 जून 2025 तक तय की गई है। वर्तमान में मण्डल में कुल 17,842 कृषक पंजीकृत हैं, जिनसे समर्थन मूल्य पर गेहूं क्रय किया जाना है।
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