अकादमी साहित्य की अभिवृद्धि के लिए सदैव समर्पितः प्रो नन्दलाल पाठक
विकलांग की पुकार का कार्य सराहनीयः प्रेम शुक्ल
अश्विनी कुमार मिश्र, ह्रदयेश मयंक, महेश दुबे, राजेश विक्रांत, अनिल गलगली, डॉ अनन्त श्रीमाली, खन्ना मुजफ्फरपुरी, चन्द्र प्रकाश पांडेय हुए सम्मानित
मुंबईः जन सामना ब्यूरो। राष्ट्रीय हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र विकलांग की पुकार द्वारा साहित्य, समाज, कला, संस्कृति व खेलकूद की बेहतरी के प्रति समर्पित संस्था ष्मिलन फाउंडेशन आयोजित एक शाम साहित्य के नाम में कार्यक्रम के अध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष प्रो नन्दलाल पाठक ने कहा कि अकादमी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को प्रोत्साहित करती रहेगी। अकादमी साहित्य की अभिवृद्धि के लिए सदैव समर्पित है। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं भी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल ने कहा कि अकादमी ने इस वर्ष जिन लोगों को पुरस्कार दिया है उसमें पारदर्शिता है और इसके लिए महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का निर्णय प्रशंसनीय है उन्हें सम्मानित कर विकलांग की पुकार और मिलन फाउंडेशन ने अच्छा काम किया है।
सांताक्रुज के मौलाना आजाद हाल में सम्पन्न इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा 2016-17 के लिए पुरस्कृत होने वाले साहित्यकारों / हिंदी सेवियों इंद्र बहादुर सिंह, प्राचार्य व शिक्षाविद, अश्विनी कुमार मिश्र, संपादक निर्भय पथिक, ह्रदयेश मयंक, कवि व संपादक चिंतन दिशा, महेश दुबे, व्यंग्यकार एवं हास्य कवि तथा पत्रकार व्यंग्यकार राजेश विक्रांत को साहित्य मिलन सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ ही मिलन फाउंडेशन के कैलेंडर तथा विकलांग की पुकार के साहित्य मिलन विशेषांक (अतिथि संपादक आफताब आलम, संपादक पत्रकारिता कोश) का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया।
मंचस्थ अतिथियों डॉ पवन त्रिपाठी, संपादक एस्ट्रालाजी टुडे, विशाल भारतीय, सलाहकार-एशियन विकास बैंक, सैयद सलमान, शहर संपादक- दो बजे दोपहर, किशोर खरावाला व फिल्मकार कथाकार डॉ प्रमोद कुमार द्वारा दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद पत्रकार स्व प्रशांत त्रिपाठी को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। अतिथियों का स्वागत विकलांग की पुकार के कार्यकारी संपादक सरताज मेहदी संस्था के अध्यक्ष अफजल खान, महासचिव सलाम इस्लाम खान, नूर हसन, सुरजीत सिंह, धर्मेंद्र पांडेय, मंगेश कनौजिया ने किया।
इस अवसर पर विकलांग की पुकार विशिष्ट सम्मान से समाजसेवक अल्हज शेख मो असलम, आर टी आई एक्टिविस्ट व अग्निशिला के संपादक अनिल गलगली, कवि खन्ना मुफ्फरपुरी, समाजसेवक तौफीक शेख, चंद्रकांत दादा फोमन, राजा मिया खान, मजदूर नेता किशन दत्त दुबे एवं युवा उपन्यासकार चन्द्र प्रकाश पांडेय को सम्मानित किया गया। नवनीत के पूर्व संपादक डॉ गिरिजा शंकर त्रिवेदी की स्मृति में स्थापित प्रथम साहित्य सेवा सम्मान सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार व मंच संचालक डॉ अनन्त श्रीमाली को प्रदान किया गया। सम्मानमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने कहा कि पत्रकारों पर एक नए समाज की रचना का दायित्व है जिसे निभाना समय की मांग है. आज लघुता और प्रभूता का सममिश्रण कर चलने की जरूरत है। कवि हघ्दयेश मयंक ने कहा कि लेखन और कविता से हमारे समाज को नई दिशा मिलती है और हमने इसे निभाने का छोटा सा प्रयास किया है. लेखक को अपना धर्म निभाना चाहिए. मनुष्य के जीवन को सुंदर बनाना ही एक रचनाकार का धर्म होता है। हास्य कवि महेश दुबे ने अपनी कविताओं के व्यंग्यवाण से लोगों का दिल जीत लिया। राजेश विक्रांत ने अकादमी द्वारा प्रदत्त आचार्य रामचन्द्र शुक्ल व्यंग्य पुरस्कार को अपने मित्रों की प्रेरणा बताया। सैयद सलमान ने कहा कि विकलांग की पुकार अब समाज के विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वालों के लिए विशेष सम्मान आयोजित करने के लिए अनूठा प्रयास कर रहा है जो सराहनीय है।
इस अवसर पर डॉ. अनंत श्रीमाली के संचालन में हुई एक काव्य सन्ध्या में रास बिहारी पांडेय, अरुण दुबे, अलका जैन, विनय दीप, रवि यादव, श्याम अचल प्रियात्मीय, जाकिर हुसैन रहबर, सतीश शुक्ल रकीब ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम में अजहर शेख, मुंबई उर्दू न्यूज के उप संपादक फरहान हनीफ, निरंकुश कलम के संपादक जाफर शेख, खबरें पूर्वांचल के संपादक रवींद्र दुबे, युवा नेता विनायक त्रिकाल, राजेश दाभोलकर, हरित जीवन के संपादक नामदार राही, एन एल पी ट्रेनर गिरिधर बलोधी, इकराम शेख, अयूब शेख, इफ्तिखार सलमानी, वीरेंद्र आक्केवार, वहीद खान जहीर शेख, पत्रकार प्रेम चैबे, अरविन्द कनौजिया आदि का सम्मान किया गया।