कानपुर देहात, संदीप गौतम। स्वच्छता और शौचालय की बाते करने वाली बीजेपी सरकार की कथनी और करनी में कितना अंतर है। यह आज हम आपको अपनी रिपोर्ट में दिखाएँगे और यह भी दिखाएंगे की जब प्रदेश से लेकर केंद्र तक में बीजेपी पूर्ण बहुमत में है और देश के राष्ट्रपति भी उनके बनाये हुए है। उसके बावजूद भी कानपुर देहात जिले की महिलायें बच्चे और बुजुर्ग आज भी खुले में शौचालय जाने को मजबूर है। बीजेपी सरकार सिर्फ दावे ही करती है। हकीकत से हम आपको आज रूबरू कराते है और दिखाते है कि कैसे राष्ट्रपति के गृह जनपद में ही लोग लोटा लेकर खुले में शौच जाने को मजबूर है।
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फाइलों में भले ही खूब शौचालय बन गए हो और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह लग रहा है की विकास हो रहा है लेकिन हकीकत क्या है। यह आज हम आपको और बीजेपी सरकार को दिखाएँगे आज हम आपको उस खबर की हकीकत से रूबरू कराने जा रहे है। जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे देश के राष्ट्रपति का जिला जहाँ आज भी कई गाँवों में शौचालय नही है। खुद राष्ट्रपति जी ने कानपुर आकर इस स्वच्छता मिशन की शुरुवात की थी लेकिन उनका ही जिला स्वच्छता मिशन के लिये बौना साबित हो रहा है।
जहाँ देश के प्रधानमंत्री पूरे देश के लोगों को खुले में शौच मुक्त कराने की बात कर रहे है। प्रदेश की सरकार भी उसी मुहिम में कार्य कर रही है। पूरे उत्तर प्रदेश को अक्टूबर 2018 तक ओडीएफ घोषित करना चाहती है। स्वच्छता मिशन के नाम पर करोड़ो रुपये लोगों को जागरूक करने के लिये प्रचार प्रसार में खर्च किये जा रहे है। देश के राष्ट्रपति ने भी स्वच्छता मिशन की शुरुआत कानपुर से की थी लेकिन खुद राष्ट्रपति के गृह जनपद कानपुर देहात में लोग शौचालय के लिये तरस रहे है। जहाँ कई गाँवों में एक भी शौचालय नही बना है। लोग घरों से निकलकर बाहर खेतो में शौच जाने को मजबूर है ऐसे हाल में यूपी सरकार का प्रदेश को अक्टूबर 2018 तक ओडीएफ घोषित करने का सपना कैसे होगा पूरा?
जहाँ स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत सरकार हर घर में शौचालय बनवाने की बात कर रही है। स्वच्छता मिशन के नाम पर अरबों रुपया प्रचार प्रसार में पानी की तरह बहाया जा रहा है। लेकिन धरातल में इसका असर दिखाई नही पड़ रहा है। आज भी बहुत से ऐसे गाँव है जहाँ एक भी शौचालय नही बने है। लोगों को मजबूर होकर खुले में शौच जाना पड़ रहा है, लेकिन अभी तक जिले के अधिकारियों की नजर ऐसे गाँवो में नही पड़ी है। जबकि इसी जिले के रहने वाले देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी ने स्वच्छता मिशन की शुरुवात कानपुर से की थी लोगों को साफ सफाई के साथ हर घर में शौचालय बने और लोग खुले में शौच में न जाये की अपील भी की थी लेकिन इसके बाद भी इस जिले के अधिकारी ऐसे गाँवों को नजरअंदाज किये हुए है और लोगों को मजबूर होकर खुले में शौच जाना पड़ रहा है। कानपुर देहात के ब्लाक सरवनखेड़ा ग्राम पंचायत जलालपुर में कई ऐसे गाँव है। जहाँ एक भी शौचालय नही बना है, इन गाँवों के लोग गरीब परिवार से आते है किसी के पास कच्चा मकान है तो कोई झोपड़ी बनाकर रह रहा है। यहाँ के लोग कमाने के लिये बाहर निकल जाते है। ज्यादातर महिलाये गाँवों में रहती है, इनके पास इतना पैसा भी नही है कि यह लोग अपना खुद का शौचालय बनवा सके घरों में शौचालय न होने से यह लोग झुण्ड बनाकर शौचक्रिया को खुले में निकलती है। अकेले शौचक्रिया को जाने पर उनके अंदर डर भी भरा रहता है कि कही कोई घटना न हो जाये इसलिये यहाँ कई महिलाएं इकठ्ठा होकर बाहर शौच को निकलती है।
वही एक गाँव की बुजुर्ग महिला ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि हमारे गाँव में एक भी शौचालय नही है। हमारी बहू बेटियों को खुले में शौच करने जाना पड़ता है कई लोगों को साथ में लेकर जाती है महिलाओं पर आये दिन कोई न कोई घटना होती रहती है तो उसका डर भी रहता है। हम लोग गरीब है हम लोगों के पास पैसे नही है कि हम लोग अपना शौचालय बनवा सके प्रधान जी और अधिकारी कोई सुनते नही है। वही गाँव में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं भी बाहर शौच जाने के नाम पर डरे सहमे से नजर आते है। उनकी माने तो यहाँ किसी के यहाँ शौचालय नही बना है हम लोग डर की वजह से कई लोग साथ में खुले में बाहर शौच को जाते है हमने अपने यहाँ शौचालय बनवाने के लिये कई बार अधिकारियो से कहा लेकिन हम लोगो। की कोई सुनने वाला नही है मीडिया से ही निवेदन करने लगी और बोली आप ही मेरी सुन लीजिये मेरे यहाँ भी शौचालय बन जाये तो हम लोग बाहर खुले में शौच न जाये मेरी कोई सुन नही रहा है ग्राम प्रधान गाँव में आते भी नही है। फोन से प्रधान जी को भी कई बार कहा लेकिन मेरी नही सुन रहे है।
वही जब हमने जिले के जिला पंचायत राज अधिकारी से इन गाँवो की समस्या को लेकर बात की तो उनके द्वारा बताया गया कि शौचालय बनवाने के नाम पर ऐसे बहुत से गाँवों को पैसा दिया गया है। आदि इन गाँवों में शौचालय नही बने है तो उनको संज्ञान में लिया जायेगा उनकी टीम इन गाँवों को देख कर शौचालय निर्माण का कार्य कराएंगे। अब आपने स्वच्छ भारत मिशन अभियान की हकीकत को देखकर यह अंदाजा लगा लिया होगा की यहाँ जिले में बैठे अधिकारी अपनी जिम्मेदारी के प्रति कितने सजग है जब देश के राष्ट्रपति के जिले का यह हाल है। तो बाकी……… फिलहाल अब देखना होगा मीडिया द्वारा संज्ञान लेने के बाद जिले के अधिकारी अब इन गाँवो की सुध कब लेते है और कब उन गरीब परिवारों के घरों में शौचालय बनवाते है और बीजेपी सरकार के दावों को हकीकत में बदलते है।