फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। विगत कई दिनों से नई बस्ती में चल रही श्रीमद भागवत गीता में आज भगवान राम का जन्म उत्सव के साथ सत्यवादी हरिशचन्द्र की लीला का वर्णन किया गया। भागवत कथा में बृन्दाबन धाम की पावन भूमि से पधारी साध्वी बृजकिशोरी शास्त्री द्वारा अपने मुखर बिन्दू से भागवान राम का जन्म उत्सव का वर्णन किया। वही इससे पूर्व सत्य के धर्म पर चलने वाले महाराजा हरिशचन्द्रं के जीवन का वर्णन किया। कि सत्य के खतिर पुत्र पत्नी सहित काशी में विक्रेंय हुए थे। परीक्षा के लिए शमशान भूमि पर पुत्र के अन्तिम संस्कार के लिए पत्नी से भी कर लेकर अपने सत्य धर्म का पालन किया था। जिससेे प्रभावित होकर ईश्वर ने उसके पुत्र का जीवित कर अभयदान दिया। सत्य के मार्ग पर परेशानी तो आती है। लेकिन पराजय होना असम्भव होता है। भगवान राम ने भी जीव कल्याण के लिए ही इस धरा पर जन्म लिया था। कथा के दौरान शहर की महापौर नूतन राठौर का भी जौशिला स्वागत करते हुए बृजकिशोरी का आशिष मिला। श्रीमद् भागवत कथा में परीक्षत बने नन्दकिशोर उनकी पत्नी मनोज कुमार, यज्ञपति चन्द्रभान सहपत्नी ने अन्तिम में आरती उतार कर प्रसाद वितरण किया।