चकरनगर, इटावा, जन सामना संवाददाता। महाशिवरात्रि के पर्व काल में आज के दिन क्षेत्र के हर पूजास्थल पर श्री रामचरित्रमानस का पाठ, श्रीमद्भागवत महापुराण तो कहीं श्रीरामचरितमानस के प्रवचन, भजन कीर्तन का सैलाब मानो उमड़ पड़ा हो चारों तरफ हर-हर महादेव की आवाज आकाश में गूंजती हुई सुनाई दे रही है। चकरनगर क्षेत्र के अंतर्गत महाशिवरात्रि के पर्व काल का प्राचीन काल से बहुत ही शिव भक्तों के लिए श्रद्धा का दिन माना जाता है जिसके चलते क्षेत्र के एक नहीं दर्जनों स्थानों पर श्रीमद्भागवत महापुराण जो वेदव्यास द्वारा लिखित है और श्री गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री राम चरित्र मानस का पाठ और कहीं कहीं पर श्रद्धा के अनुसार कीर्तन भजन का प्रोग्राम चल रहा है। शिवालयों में शिव भक्तों ने श्रृंगी ऋषि मुनि के धाम से कांवर भरकर शिवालयों में जलाभिषेक किया यहां पर इस बात का उल्लेख करना भी जरूरी है कि यह कार्य केवल पुरुष वर्ग ही नहीं कर रहा है बल्कि ब्याहता महिलाएं और कुंवारी लड़कियां बड़े ही श्रद्धा और उमंग के साथ कांवर लेकर अपने गंतव्य स्थान तक आए और उन्होंने भगवान शंकर के शिवालयों में जलाभिषेक किया आज का यह दिन पुनीत खासकर उन लोगों के लिए है जो वाकई में भगवान शंकर के या यूं कहें कि जो भक्त है कांवर भरकर कठिन परिश्रम कर जो शिवालयों में जलाभिषेक किया और अपनी मनौतियां बनाईं आज के दिन भारेश्वर मंदिर भरेह, बाबा सिद्ध और पचनद स्थिति महाकालेश्वर धाम पर श्रद्धालु भक्तों ने अपनी अपनी कांवर चढ़ा कर भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की कांवरियों में नीतू बाथम पुत्री गजराज बाथम उम्र करीब 17 वर्ष ने बताया कि भगवान शंकर के प्रति हमारे दिलो-दिमाग में परसों अचानक उमंग आई और मैंने कांवर भरने का प्रण कर लिया मैंने अपने पिता से अनुमति लेते हुए कांवर के लिए श्रृंगी ऋषि आश्रम गंगा घाट जाकर बड़े ही उल्लास के साथ कांवर भरकर श्रद्धा और भाव के साथ चढ़ाई। यहां पर मतभेद इस बात का हो गया की शिवरात्रि कहीं पर 13 तारीख को और कहीं पर भक्तों ने 14 तारीख को मनाई इसलिए कुछ भक्तों ने श्रद्धा और भाव के साथ कांवर आज 13 तारीख को ही चढ़ा कर अपनी भक्ति का अनुपालन किया और कुछ भक्त जो 14 तारीख को कांवर चाढाकर अपना व्रत पूरा करेंगे। मध्य प्रदेश के ग्राम उमरी से प्रशांत यादव, बंटी यादव और नवीन कुमार जो आज अपने दर्जनों कांवरियों को लेकर अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए पूर्ण रूप से प्रयासरत हैं उनका मानना है कि कल सुबह ब्रह्म मुहूर्त में अपने शिवालय में जाकर भगवान शंकर का जलाभिषेक करूंगा, इस श्री गंगाजल से और पूरे दिन व्रत रखकर भगवान शंकर से अपनी श्रद्धा और आस्था को चेतांयगे।