कानपुरः स्वप्निल तिवारी। कानपुर में चल रही खुदाई के कारण धूल-मिट्टी तथा प्रदूषण का सीधा असर बच्चों पर पड रहा है। यह प्रदूषण बच्चों के फेफड़ों को संक्रमित कर रहा है बच्चों को खासी के साथ सांस लेने में दिक्कतें आ रही हैं। हैलट और उर्सला अस्पताल में ऐसे बीमार बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है जिनपर प्रदूषण का असर है। डाक्टरों द्वारा अभिभावकों को सावधानी बरतने की सहाल भी दी जा रही है।
बताते चले कि शहर में चारो तरफ खुदाई के कारण धूल-मिटटी का गुब्बार उड़ता है साथ ही प्रदूषण वातावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने के साथ हानिकारक कण बच्चों की सेहत को सीधा नुकसान पहुंचा रहे हैं। डाक्टरो की माने तो वर्तमान में बढते प्रदूषण की चपेट में बच्चे अधिक आ रहे है। बाजार जाते या स्कूल आते-जाते समय बच्चों को प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। बच्चों का शरीर आम इंसान की तुलना में कमजोर होता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है ऐसे में बच्चों में संक्रमण जल्द बढता है। इसके साथ ही धूम में हानिकारण वैक्टीरिया भी बच्चो के सेहत पर असर डाल रही है। सलाह दी कि अभिभावक बच्चों को ज्यादा से ज्यादा धूल-मिट्टी व गंदगी से बचायें, बाजार में बिकने वाली खाध सामग्री का उपयोग न करे, गर्मी के मौसम में बाजार में बिकने वाले कटे फल और पानी का प्रयोग न करे। बच्चो को घर से निकलते समय बोतल में पानी भरकर दे। कहा कि थोडी सावधानी यदि बरती जाये तो बच्चो को संक्रमित होने का खतरा हम कम जरूर कर सकते हैं।