Sunday, November 24, 2024
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जनसुविधाओं की उपलब्धता के फलस्वरूप निवासियों के जीवन में होगा गुणवत्ता सुधार: प्रमुख सचिव आवास

अनाधिकृत विकसित काॅलोनियों में रहने वाले निवासियों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए नियमितीकरण कराये जाने हेतु प्रस्तावित प्रस्ताव का नियमानुसार परीक्षण कराकर सक्षम स्तर से अनुमोदन किया जाये प्राप्त: मुख्य सचिव
प्राधिकरण से स्थानांतरित कर्मियों का चार्ज स्थानांतरण के समय गूगल मैप पर उनके कार्यक्षेत्र में स्थित काॅलोनियां विकसित होने का लिया जाये प्रमाण-पत्र: राजीव कुमार
अनाधिकृत काॅलोनियों के नियमितीकरण के फलस्वरूप मौलिक जनसुविधाओं की उपलब्धता के फलस्वरूप निवासियों के जीवन में होगा गुणवत्ता सुधार: नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव आवास
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि अनाधिकृत विकसित काॅलोनियों में रहने वाले लोगों की मूलभूत सुविधायें उपलब्ध न होने की व्यवहारिकता को दृष्टिगत रखते हुए अनाधिकृत विकसित काॅलोनियों का नियमितीकरण कराये जाने हेतु नीति का निर्धारण नियमानुसार कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जायें। उन्होंने कहा कि निर्धारित कट-आॅफ-डेट के उपरान्त अनाधिकृत काॅलोनियों का विकास कतई नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एैसा होने की स्थिति पर प्राधिकरण तथा सम्बंधित विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाये।
श्री राजीव कुमार ने यह भी निर्देश दिये हैं कि प्राधिकरण में स्थानांतरित होने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों से चार्ज हस्तान्तरण के समय गूगल मैप पर उनके कार्यक्षेत्र में स्थित भूमि पर अवैध काॅलोनियां विकसित होने अथवा न होने का प्रमाण-पत्र अवश्य प्राप्त किया जाये। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था हो जाने से जो अधिकारी/कर्मचारी स्थानांतरण हो जाने के फलस्वरूप कार्यभार ग्रहण करने पर उसे अपने कार्यक्षेत्र की वस्तुस्थिति की जानकारी सरलतापूर्वक प्राप्त हो जायेगा। उन्होंने कहा कि स्थानांतरण के समय उनके कार्यावधि में हुए अवैध निर्माण का पता सरलतापूर्वक प्राप्त हो जाने पर दोषी पाये जाने पर उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित होगी।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में आवास एवं शहरी नियोजन, द्वारा देश के अन्य राज्यों यथा दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब तथा कर्नाटक द्वारा घोषित अनाधिकृत काॅलोनियों के नियमितीकरण हेतु जारी गाइड लाइन के अध्ययनोपरांत प्रदेश की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक व्यावहारिक गाइड लाइन बनाने के उद्देश्य से प्रस्तावित नीति के प्रस्तुतीकरण पर आवश्यक निर्देश दे रहे थे।
प्रमुख सचिव, आवास श्री नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि अनाधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण के फलस्वरूप ऐसे कालोनियों में स्थित निवासियों को बैंको/वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करना सम्भव एवं सुविधाजनक हो सकेगा, उनके निर्माणों को तोड़े जाने का भय नहीं रहेगा और साथ ही साथ मौलिक जनसुविधाओं की उपलब्धता होने के फलस्वरूप इन कालोनियों के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
श्री गोकर्ण ने बताया कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विद्यमान आवासीय स्टाॅक का एक बहुत बड़ा भाग अनाधिकृत रूप से निर्मित कालोनियों के अन्तर्गत है। अनाधिकृत होने के कारण उनका ध्वस्तीकरण किया जाना व्यवहारिक न होने के दृष्टिगत इन कालोनियों के नियमितीकरण हेतु वर्ष 2001 में गाईडलाइन्स जारी की गयी थी, जिनमें आ रही कठिनाईयों हेतु वर्ष 2003 एवं 2008 में संशोधन किया गया था, परन्तु इन कालोनियों के नियमितीकरण में कोई विशेष प्रगति नहीं हो सकी, फलस्वरूप इन कालोनियों में रहने वाले निवासियों को मूलभूत सुविधायें विशेषकर पक्की सड़कें, जल एवं मल निस्तरण, कूड़ा निस्तारण आदि की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
बैठक में प्रमुख सचिव, नगर विकास, मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव, वित्त संजीव मित्तल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।