कानपुर/घाटमपुर, शीराजी। सरकारों व सामाजिक संगठनों राजनीतिक संगठनों के दावों की पोल उस वक्त खुल जाती है। जब समाज में पीड़ित महिला न्याय के लिए दर-दर भटकती है और उसे कहीं न्याय नसीब नहीं होता है। ऐसे किस्से आए दिन दिखलाई पढ़ रहे हैं। जिसके चलते पीड़ित महिलाएं दर-दर भटक रही हैं और उनकी आवाज दब कर रह जाती है। प्राप्त विवरण के अनुसार ग्राम नौरंगा निवासी सतीश की पत्नी पिंकी ने बताया कि उसका विवाह 27 नवंबर 2015 को सतीश के साथ हिंदू रीति रिवाज के साथ संपन्न हुआ था। जिससे उसके 9 माह की पुत्री रजनी भी है। लेकिन कुछ दिन पूर्व पेट में हुए भीषण दर्द की जांच कराने पर पता चला कि वह गंभीर बीमारी की शिकार हो गई और पेट में ट्यूमर हो गया है। जिसके भीषण दर्द से वह परेशान रहती है। उक्त बीमारी का पता चलते ही पति व ससुरालीजनों ने उससे किनारा कर लिया। पति ने साफ इलाज से इनकार करते हुए खर्च के नाम पर उसे घर से निकाल दिया है। पीड़ित महिला पिंकी का कहना है कि उसके पिता ईट भट्टे में मजदूरी करते हैं। 6 बहनों वा दो छोटे छोटे भाइयों का घर पर बोझ है। जिससे वह भी इलाज कराने में अक्षम है। महिला का आरोप है कि पति का अन्य महिला से संबंध है। जिसके चलते वह उससे पीछा छुड़ाना चाहते हैं। पीड़ित महिला न्याय के लिए और ससुराल द्वारा व पति द्वारा सताए जाने के प्रति न्याय की मांग लेकर अधिकारियों के दरवाजे दर-दर भटक कर थक चुकी है। उसे कहीं से कोई मदद नहीं मिल पा रहा है। जिससे उसके अंदर मायूसी व्याप्त है। पीड़िता का आरोप है कि वह अधिकारियों के दरवाजे पर जाती है और फरियाद की गुहार लगाती है। लेकिन उसकी फरियाद को अनसुना कर के उसे टरका दिया जाता है।