चन्दन जायसवाल व स्वप्निल तिवारी की रिपोर्ट-
कानपुर। घाटमपुर के नेवली के किसानों की जमीन अधिग्रहण के मामले में हुई किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में आज हजारों किसानों ने शहर में धरना दिया और जिला प्रसासन को खुले लब्जो में चुनौती भी देते हुए रिहाई की मांग की है।
बताते चलें कि आज भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता हजारों की संख्या में किसान नेता राकेश सिंह टिकैत के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए हैं। इनकी मांग है कि इनकी पार्टी के दो किसान नेताओं को कानपुर जेल में बंद रखा गया है उन्हें बिना शर्त के रिहा किया जाय। साथ ही किसानों पर लगाए गए मुकदमें भी वापस लिए जायें। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने दोनों नेताओं निरंजन राजपूत और विशेखा राजपूत को रिहा नहीं किया तो किसान अपने आंदोलन की नई नीति तय करेंगे।
घाटमपुर में 2012 में प्रदेश सरकार ने 1980 मेगावाट का बिजली पावर प्लांट का उद्घाटन किया था जिसकी जमींन का अधिग्रहण का काम शुरू किया गया। जमीन अधिग्रहण के समय किसानों को जमीन का मुआवजा दिए जाने की बात की गई थी साथ ही किसानों को यह भी आश्वासन दिया गया था कि जिनकी जमींन का अधिग्रहण हो रहा है उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जायेगी, लेकिन किसानों को अपनी जमीन का पूरा मुआवजा न मिलने से किसान उग्र हो गये। 2016 जुलाई में केंद्र सरकार के मंत्री पीयूष गोयल ने पुनः इस पावर प्लांट का उद्घाटन किया। लेकिन उद्घाटन के समय ही किसान उग्र हो गये थे और अपनी जमीनों का मुआवजे की मांग करने लगे थे, प्रशासन ने उस समय आश्वासन जरूर दिया था लेकिन किसानों की समस्या का कोई हल नहीं निकला। दो महीने पहले किसान अपनी जगह पर जहाँ पावर प्लांट बनना है धरने पर बैठ गए थे और सरकारी काम ठप कर दिया था। इस पर पुलिस ने जब हस्तक्षेप किया तो किसानों ने पुलिस बल पर हमला कर दिया जिसमें डेढ़ दर्जन से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हो गये थे और आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस के वाहन छतिग्रस्त कर दिए थे। भीषण आगजनी भी हुई थी। इस अपराध को अंजाम देने के जुर्म में पुलिस ने किसान यूनियन के हमीरपुर जिला अध्यक्ष निरंजन राजपूत और महिला मोर्चा की नेता विशेखा राजपूत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब किसान नेता जेल में बंद दोनों नेताओ को निर्दोष मांते हुये जेल से रिहा करने की मांग कर रहे है। प्रदर्शन करने वाले किसान नेताओं का कहना है कि हमारे नेताओं को अगर नही छोड़ा गया तो हम यह आंदोलन आगे बढ़ाएंगे। आगे किस तरह का आंदोलन का रूप होगा यह तय समय के बाद बताएंगे। इसके बाद धरना पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के हजारों कार्यकर्ता मांग न पूरी होने पर धरना खत्म कर एसएसपी कार्यलय पर पहुँच कर धरना दे रहे है। वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने एसएसपी कार्यालय पर भारतीय किसान यूनियन का झन्डा फहरा दिया। किसान नेता राकेश सिंह टिकैत का कहना है कि हमने प्रशासन को समय दिया था लेकिन समय रहते हमारी मांगें पूरी नही हुई इस लिए अब हम एसएसपी ऑफिस का घेराव कर धरने पर बैठे है। अब जब चाहे बात कर लें एक दिन दो दिन चार दिन दस दिन जब चाहे बात करें हमारी मांग जब पूरी होगी यह धरना तभी खत्म होगा
धरने पर बैठे किसान निरंजन राजपूत और विशेखा राजपूत को रिहा करने की मांग पर अड़े हुए है। इस मौके पर जिले के ही नहीं अपितु सूबे के अन्य जिलों से भी किसान नेता सम्मिलित हैं और अपनी मांगों को लेकर एसएसपी कार्यालय परिसर में डेरा जमाए हैं।