कानपुर, जन सामना ब्यूरो। उ0 प्र0 श्रमजीवी पत्रकार यूनियन कानपुर नगर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व मीडिया प्रभारी सारांश कनौजिया को सोशल मीडिया पर अयोध्या निर्णय आने के बाद एक सम्प्रदाय विशेष के व्यक्ति द्वारा बदला लेने की धमकी दी गई। इस संबंध में जनसुवाई पोर्टल के माध्यम से पुलिस को जानकारी देने के बाद भी उन्हें सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गयी, स्थानीय कल्याणपुर थाना की गुरुदेव पैलेस चौकी के द्वारा इसे साइबर सेल से जुड़ा विषय बताकर टाल दिया गया। इसी संबंध में यूनियन द्वारा एडीजी कानपुर जोन प्रेम प्रकाश को ज्ञापन दिया गया और उनसे पीड़ित पत्रकार को सुरक्षा उपलब्ध कराने व दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग रखी।
उ0 प्र0 श्रमजीवी पत्रकार यूनियन कानपुर नगर के महामंत्री संजय सक्सेना ने बताया कि एडीजी कानपुर द्वारा सभी साक्ष्यों को देखने के बाद जांच का आदेश देते हुए रिपोर्ट मांगी है। फिलहाल पीड़ित पत्रकार को किसी भी प्रकार की सुरक्षा नहीं दी गई है, लेकिन हमें उम्मीद है कि शीघ्र ही दोषियों को सजा व हमारे वरिष्ठ उपाध्यक्ष को सुरक्षा उपलब्ध करायी जाएगी।
सारांश कनौजिया ने बताया कि समाचारों के साथ ही वे संविधान के दायरे में रहते हुए हिन्दुत्व से जुड़े विषयों पर भी सोशल मीडिया में अपने विचार व्यक्त करते रहते हैं। कुछ लोगों को ये विचार पसंद नहीं आते हैं और वे तीखी प्रतिक्रिया देते हैं। अयोध्या में भव्य रामलला का मंदिर बनाने पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद मुझे सोशल मीडिया पर एक सम्प्रदाय विशेष के व्यक्ति द्वारा बदला लेने की धमकी दी गई।
उन्होंने कहा कि जब से एक संगठन द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के निर्णय पर पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात सामने आई है, तब से मुझे डर लग रहा है कि ये कट्टरपंथी इस बार जानलेवा हमला भी कर सकते हैं। क्योंकि निर्णय आने से पहले सभी ने इसे बिना शर्त मानने की बात कही थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। पुनर्विचार याचिका से बनने वाले माहौल के कारण स्थितियां बदल गई हैं। ज्ञापन देने वालों में पीड़ित पत्रकार सारांश कनौजिया, उ0 प्र0 श्रमजीवी पत्रकार यूनियन कानपुर नगर के महामंत्री संजय सक्सेना, कानपुर देहात के अध्यक्ष अंकुर गुप्ता, हरी किशन सगतानी, जितेंद्र गौतम, प्रदीप कुमार आदि थे।