Sunday, November 24, 2024
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धर्म के ठेकेदार ही कर रहे लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़

2017.03.02.5 ssp pankajगंगा घाट पर पण्डे ही कर रहे देवी-देवताओं का अपमान
पंकज कुमार सिंह, कानपुर। अपने आप को धर्म का ठेकेदार बताने वाले पण्डे ही लोगों की भावनाएं आहत करने में लगे हुए हैं और आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। अपनी कमाई के लालच में क्या क्या न कर बैंठें? ऐसे पण्डों को न तो संस्कृति का ज्ञान है और न ही आस्थावानों की भावनाओं की कद्र।
बुधवार को कानपुर में पतित पावनी मां गंगा के सरसैया घाट पर ‘जन सामना’ की टीम ने एक ऐसा नजारा देखा जो लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए काफी है और बहुत शर्मनाक भी। सनातन सभ्यता के नाम पर संस्कृति का पाठ पढ़ाने वाले और खुद धर्म के ठेकेदार बनने वाले गंगा घाट के पण्डे अपनी कमाई के लिए देवी देवताओं की मूर्तियों का उपहास उड़ाने से भी गुरेज नहीं कर हैं। सरसैया घाट पर पण्डे को होली के अवसर पर कमाई के लिए पापड़ों का कारोबार करना है। एक तख्त पर पापड़ सुखाने के लिए कपड़े के चारों कोनों पर मूर्तियां रख दी। जिन मूर्तियों को भगवान का स्वरूप मानकर लोग दर्शन करते हैं व शीश झुकाते हैं। दीपावली सहित अन्य पर्वों पर पूजा अर्चना करते हैं लेकिन उन्हीं मूर्तियों को एक पत्थर के टुकडे़ के रूप में पण्डे ने प्रयोग कर लोगों की भावनाएं आहत कर डाली। कई लोगों ने इस बाबत पण्डे को तलब करना चाहा लेकिन पण्डे नहीं मिले। लोगों ने बताया कि घाट के एक पण्डे होली पर पापड़ का कारोबार करते हैं और उन्हीं ने यह किया है।