कानपुरः दीपांजलि शुक्ला। विश्व स्तरीय महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी दवारा घोषित जनता कर्फ्यू को हर आम और खास ने सफल बनाने का भरपूर प्रयास किया। लेकिन ताका-झांकी की आदत से मजबूर कुछ लोगों ने जनता कर्फ्यू को तोड़ा भी। पुलिस के हत्थे चढ़े ऐसे लोगों का पुलिसकर्मियों ने अपने अन्दाज में स्वागत किया। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता से अपील की थी कि जनता कर्फ्यू के दौरान सभी लोग शाम 5 बजे 5 मिनट तक कोरोना वायरस से बचाव के लिए चलाये जा रहे अभियान में लगे पुलिसकर्मियों, डॉक्टरों, मीडियाकर्मियों, सफाईकर्मियों तथा डिलीवरी ब्वॉय आदि को ताली, थाली, घंटी या शंख बजाकर धन्यवाद दें। प्रधानमन्त्री के इस आग्रह को भी देशवासियों ने पूरी गम्भीरता से लिया और शाम के 5 बजते ही लोगों ने अपने-अपने घरों की छतों या दरवाजे के बाहर खड़े होकर शंख, घड़ियाल, ताली, घंटी और थाली बजाते हुए इस अभियान से जुड़े लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया। हालाकि इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण यह बताया गया कि शंख, घड़ियाल, थाली आदि बजाने से वातावरण में जो कम्पन उत्पन्न हुआ उसने कोरोना वायरस को भगाने का भी काम किया। अब इससे कोरोना वायरस भागा या नहीं यह तो किसी को नहीं पता। लेकिन इससे देशवासियों की एकजुटता का पता अवश्य चल गया कि किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए देश की जनता एकसाथ खड़ी होकर किसी भी मुहीम को सफल बना सकती है।
कोरोना संक्रमण का पहला मामला 31 दिसम्बर 2019 को चीन के वुहान शहर में सामने आया था। धीरे-धीरे वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुके कोरोना वायरस से अभी तक पूरी दुनिया में 2 लाख से भी ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा इनमें से 10,000 से भी ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। ये आंकड़े कम होने की बजाय लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। चीन के बाद कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मरीज इटली में पाये गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक इटली में 47,021 व्यक्ति कोरोना वायरस के शिकार हुए हैं। जिनमें से 4,032 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। जबकि चीन में अभी तक 80967 लोग कोरोना संक्रमण के शिकार हुए हैं। परन्तु वहां मरने वालों का अनुपात इटली की अपेक्षा बहुत कम है। चीन में अभी तक सिर्फ 3248 कोरोना संक्रमित लोगों की मृत्यु हुई है। भारत में कोरोना संक्रमण के अभी तक लगभग 4 सैकड़ा से अधिक मामले सामने आये हैं। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में शामिल कर दिया हैद्य जिससे देश की सभी राज्य सरकारें कोरोना वायरस से निपटने के लिए आपदा फंड का इस्तेमाल कर सकतीं हैंद्य इसके तहत राज्य सरकारें आपदा फंड की कुल सालाना राशि का 25 फीसदी तक उपयोग कर सकती हैं। इस फंड का इस्तेमाल जांच के लिये लैब या हेल्थ केयर उपकरण खरीदने के लिए किया जा सकेगा। इसके अलावा अस्पतालों को थर्मल स्कैनर, एयर प्यूरीफायर, वेंटिलेटर आदि से लैस करने में भी इस फंड का प्रयोग किया जा सकेगा।
कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया पर संकट मड़रा रहा है। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने ट्विट के जरिये सार्क देशों से कोरोना के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी। जिसका सार्क देशों ने स्वागत किया और 15 मार्च की शाम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोरोना के खिलाफ प्रभावी रणनीति बनायी गई। जिसके तहत कोरोना इमरजेंसी फंड बनाने की घोषणा की गई। जिसमें कि भारत की ओर से 74 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया था। कोरोना से निपटने के लिए अब तक कई अहम् कदम उठाये गए है। कोरोना संक्रमण का अभी तक कोई इलाज नहीं है। इसलिए हमें खुद को इससे बचाकर इसे फैलने से रोकना होगा। राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि बचाव ही इसका उपाय है। उन्होंने देश की जनता से अपील की थी की वह रविवार 22 मार्च को सुबह 7 बजे से लेकर रात 9 बजे तक घर से बाहर न निकलें। यह जनता के लिए, जनता द्वारा लगाया गया कर्फ्यू होगाद्य जिसे जनता कर्फ्यू का नाम दिया गया, प्रधानमन्त्री की इस अपील का पूरे देश ने समर्थन किया और यह साबित कर दिया कोरोना से लड़ने के लिए भारत पूर्णतया तैयार है।
कोरोना से बचाने के लिए हमे स्वयं तथा अपने आस-पास की सभी वस्तुओं को स्वच्छ रखना होगा। सरकार द्वारा बताये गए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगाद्य हर 20 मिनट में कम से कम 20 सेकंड तक हमें अपने हाथ धुलने चाहिए। हर व्यक्ति से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखनी चाहिए और हर उस व्यक्ति से दूर रहना चाहिए जिसे खांसी, जुकाम या बुखार हो। जिस भी व्यक्ति को जुकाम, खांसी या बुखार हो उसे खुद को आईसोलेट यानि दूसरों से अलग कर लेना चाहिए। अगर हम खुद को इस खतरनाक वायरस से बचा लेंगे तो हम इसे फैलने से भी रोक सकते हैं।