हाथरस, नीरज चक्रपाणि। ऑल इंडिया शेख जमीअतुल अब्बास कमेटी के सदर व पूर्व सभासद डॉ. रईस अहमद अब्बासी ने फरमाया है कि शबे बरात के मायने हैं गुनाहों से छुटकारे की रात। मगफिरत की रात हदीस ए पाक में है कि अल्लाह ताला इस रात में जहन्नुम से गुनहगारों को आवाज करके जन्नत में दाखिल फरमाता है। यह रात बहुत अजमत वाली और बरकत वाली रात है। इस रात में अल्लाह ताला दुआओं को कुबूल फरमाता है।
डॉ. अब्बासी ने अहले मुस्लिम समाज से गुजारिश की है कि पूरे भारत वर्ष में लॉकडाउन चल रहा है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेशों का पालन करें और शबे बरात की रात को अपने अपने घरों में मिफिल पढ़ें इबादत करें, मस्जिदों के अंदर न जाएं, परंपरागत तरीके से जो रात को कब्रिस्तान जाते थे। इस बार कब्रिस्तानों में न जाएं, ज्यादा भीड़ इकट्ठी न करें। कानून का पालन करें। क्योंकि जान है तो जहान है।