टूंडला/फिरोजाबाद,जन सामना संवाददाता। टूंडला के एक रेलवे कर्मचारी को कोरोना संक्रमण की आशंका को लेकर क्वारंटाइन किया था। एफएच मेडिकल कॉलेज में उसको अन्य साथियों के साथ रखा गया था। कोरोना रिपोर्ट आने से पहले ही बुधवार को उसने कमरे के पंखे से लटककर जान दे दी। डीएम और एसएसपी ने पहुंचकर घटना की जानकारी ली।
मामला टूंडला रेलवे विभाग से जुड़ा है। यहां के एक रेलवे इंजीनियर को कोरोना का संक्रमण हुआ था। रेलवे कर्मचारी अपने ससुर को आगरा के पारस हॉस्पिटल में कई बार बीमारी के दौरान देखने गया था। पारस हॉस्पिटल के संक्रमण के चलते जहां ससुर संक्रमित हुआ था तो वहीं रेलवे इंजीनियर की बाद में जांच कराई गई तो वह भी संक्रमित निकला। इंजीनियर के संपर्क में आने के चलते शुरूआत में 20 अप्रैल को 9 रेलवे कर्मचारी क्वारंटाइन कर जांच की गई थी। 23 अप्रैल को फिर 6 रेलवे कर्मचारी और संक्रमण की दृष्टि से क्वारंटाइन कराए और इनकी कोरोना जांच भी सैफई भेज दी। सैफई से कोरोना की जांच अभी तक नहीं आ पाई थी कि बुधवार को एक 59 साल के रेलवे कर्मचारी ने एफएच मेडिकल कॉलेज के क्वारंटाइन वार्ड के कमरे में पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी। घटना की सूचना के बाद रेलवे विभाग में जहां हड़कंप मचा। वहीं प्रशासन भी मौके की ओर दौड़ा। रेलवे के सीएमएस डा.केएल राय सिंघानी, एसपी सिटी प्रवल प्रताप सिंह, सीओ टूंडला अजय सिंह चैहान और इंस्पेक्टर टूंडला ज्ञानेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे। घटना को लेकर हॉस्पीटल प्रशासन और अन्य क्वारंटाइन में भर्ती रेलवे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। पुलिस ने बाहर हंगामा कर रहे रेलवे कर्मियों को शांत किया। शव को पुलिस मेडिकल कॉलेज लेकर आई है। बाद में डीएम चंद्रविजय सिंह और एसएसपी सचिंद्र पटेल ने पहुंचकर घटना की जानकारी ली। मामले को लेकर अस्पताल कर्मियों से भी बात की। रेलवे कर्मचारी ने अपने कमरे में एक सुसाइड नोट भी लिखा था। मरने से पहले उसने इसे लिखा और फिर पंखे से लटककर जान दी है। सुसाइड नोट में क्या लिखा है यह चर्चा का विषय बन गया है। कमिश्नर आगरा अनिल कुमार, एडीजी अजय आनंद, आईजी ए सतीश गणेश ने मौके पर ,पहुंचकर एफएच कॉलेज में घटना की जानकारी ली। आखिर कर्मचारी ने क्यों फांसी लगाई इसे लेकर मंथन किया। इस दौरान उन्होंने डीएम, एसएसपी और मेडिकल टीम से जानकारी ली।