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प्राइवेट स्कूलों में मनमानी पर डीएम से शिकायत

2017.04.07 15 ravijansaamnaअभिभावकों से धन वसूली पर लगे रोक-रवि
हाथरस, नीरज चक्रपाणि। इंग्लिश मीडियम स्कूलों में बच्चों के दाखिला, फीस, ड्रेस, किताबों व बिल्डिंग फीस के नाम पर अभिभावकों से मोटी रकम वसूली जा रही है, जबकि बच्चों को स्कूलों में पढ़ाई कम ट्यूशनखोरी ज्यादा की जा रही है। स्कूलों की मनमानी व ट्यूशनखोरी पर शीघ्र अंकुश लगाया जाना जरूरी है। उक्त शिकायत जिलाधिकारी से करते हुये युवा समाजसेवी रवि चैहान भट्टे वालों ने कहा है कि जिले के इंग्लिश मीडियम विद्यालय जो सी.बी.एस.सी. बोर्ड नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त हैं तथा कई विद्यालय उ.प्र. सरकार के शिक्षा मंत्रालय से मान्यता प्राप्त हैं। इनमें दाखिला लेने वाले छात्रों व छात्राओं के अभिभावकों से बिल्डिंग फीस के नाम पर मोटी रकम वसूल की जा रही है जिसे रोका जाये। उक्त विद्यालयों के प्रधानाचार्यों तथा प्रबंधकों द्वारा छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से दाखिला के बाद प्रत्येक वर्ष भी बिल्ंिडग फीस भी वसूल की जा रही है। इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से अन्य मदों में सुविधाओं के नाम पर भी मोटी रकम प्रत्येक माह वसूल की जा रही है। जैसे कम्प्यूटर शिक्षा, आरो का पानी, खेल व जनरेटर के नाम पर तथा कई गैर जरूरी प्रोग्रामों के नाम पर शिक्षा का व्यवसायीकरण कर दिया गया है। जिनकी कटौती फीस में की जाये। उक्त सुविधायें छात्र-छात्राओं को मिल नहीं रही है। उन्होंने कहा है कि उक्त तरह के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को कम समय पढ़ाया जाता है और टयूशन पढ़ने के लिये मजबूर किया जाता है। इसलिये विद्यालयों का शैक्षिक समय बढ़ाया जाये तथा विद्यालयों में ही कोचिंग की पढ़ायी करवायी जाये, क्योंकि बच्चे स्कूल से आते ही ट्यूशन को जाते हैं। जिससे उनका बौद्धिक स्तर घट जाता है और मानसिक व शारीरिक रूप से तंग व परेशान रहते हैं। जिससे पढ़ाई और भी महंगी हो जाती है और अभिभावकों के सामने भारी समस्या खड़ी हो जाती है कि पढ़ाई का खर्चा वहन करें या ट्यूशन का। विद्यालयों की किताब व कापियां काफी महंगी हैं। कई किताबें कमीशन के चक्कर में बिना वजह पढ़ाई में जोड़ दी जाती हैं, जबकि विद्यालयों में बुक बैंक और लाइब्रेरियां हैं जिनमें लाखों रूपयों की किताबें रखी रहती हैं। लेकिन छात्र-छात्राओं को नहीं दी जा रही हैं। प्रमुख युवा समाजसेवी रवि चैहान ने जिलाधिकारी से मांग की है कि उक्त विद्यालयों के लिये जनहित में यह आदेश पारित किया जाना अतिशीघ्र आवश्यक है कि आगे की क्लास के छात्र-छात्रायें अपनी किताबों को पिछली क्लास के उन छात्र-छात्राओं को देंगे जो कक्षा उत्तीर्ण करके आये हैं। इससे कक्षा एक से लेकर और इंटर तक की किताबों का विनमय होगा और सभी छात्र-छात्राओं को किताब सुविधापूर्वक निःशुल्क मिल सकेंगी तथा दोषी विद्यालय प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही करें।