मुख्यमंत्री से मिल पीड़ित परिवार लगायेगा गुहार
हाथरस, नीरज चक्रपाणि। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी शासन और भाजपा षासन में सासनी पुलिस कोई अन्तर नहीं मानती। पीड़ित परिवार की पुलिस निष्पक्षता के साथ जांच नहीं कर रही है और एफआईआर भी दर्ज नहीं की। पुलिस के इस रवैये से पीड़ित परिवार बेहद दुखी है। ग्राम शाहपुर खुर्द के पप्पू पुत्र महीपाल सिंह ने 16.11.2016 को इस आषय का प्रार्थना पत्र थानाध्यक्ष सासनी को दिया कि उसका भाई तिलक सिंह दिनांक 26.10.2016 से अचानक लापता है। उस समय समाजवादी पार्टी की सत्ता उत्तर प्रदेष में थी। पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने पर उक्त पप्पू ने 17.03.2017 को पुलिस अधीक्षक हाथरस को एक पत्र रजिस्ट्री डाक से भेजा। इस पत्र के द्वारा भी पप्पू ने रिपोर्ट दर्ज करने की प्रार्थना करते हुये कानूनी कार्यवाही करने की गुहार लगाई। उक्त पप्पू ने पुनः एक और प्रार्थना पत्र 2 अप्रैल 2017 को कोतवाली सासनी प्रभारी को दिया। जिसमें अपने भाई का हुलिया भी दिया और अनुरोध किया कि उसके भाई को खोजने की कृपा की जाये। इस सम्बन्ध में एस.आई से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि एफआईआर थाने में दर्ज हो गई है। उनके परिजन आये तो एफआईआर की काॅपी ले जायें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तिलक सिंह दिमाग से कमजोर व बुद्विहीन है और उसका मानसिक सन्तुलन ठीक नहीं है कहीं चला गया होगा। जब संवाददाता ने पप्पू से बात की तो उसने कहा कि मैंने प्रार्थना पत्र लिखने वाले से भाई के लापता होने की बात कही थी, मैं कम पढ़ा लिखा हूं, मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि मेरे भाई की दिमागी हालात असुंतलित होने के बारे में कैसे लिखा गया है जब पप्पू से यह जानकारी की गई कि तुमने अपने पहले प्रार्थना पत्र 16.11.2016 तथा पुलिस अधीक्षक को भेजे गये पत्र 17.03.2017 में अपने भाई के बारे में दिनांक 26.10.2016 से लापता बताया है फिर आपने कोतवाली प्रभारी सासनी को 02.04.2017 में दिये प्रार्थना पत्र में 23.03.2017 से लापता होना ब मानसिक सन्तुलन ठीक नहीं कैसे लिखा है तो उसने कहा कि मुझसे थाने में जैसा लिखवाया मैने वैसे ही लिख दिया, मेरा भाई तो 26.10.2016 से ही गायब है। समाज मेरा कम पढा-लिखा होने का फायदा उठा रहा है और पुलिस भी कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। दिनांक 2 दिसम्बर 2016 को मोबाइल से किसी ने मेरे भाई के सम्बन्ध में मेरी पत्नी से बात की थी अगर पुलिस ने इस मोबाइल नम्बर वाले का भी पता लिया होता तो कुछ सुराग मिल गया होता। तिलक सिंह के पिता महीपाल सिंह कोतवाली सासनी में दर्ज एफआईआर की कापी लेने गये तो वहां के मुंशी ने पप्पू के प्रार्थना पत्र 02.04.2017 की फोटो कापी पकडा दी। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि अभी तक तिलक सिंह के सम्बन्घ में कोई एफ.आई.आर दर्ज नहीं की है। जब गांव में जाकर इस प्रकरण के सम्बन्ध में जानकारी की गई तो पता चला कि पुलिस निश्पक्षता के साथ जांच नहीं कर रही है और एफआईआर भी दर्ज नहीं की। पुलिस के इस रवैये से पीड़ित परिवार बेहद दुखी है। तिलक सिंह की पत्नी व उसके दो बच्चे तथा अन्य परिवारी जन रो-रोकर दिन गुजार रहे हैं। लेकिन पुलिस के लिए इस पीड़ित परिवार के आंसू कोई मायने नहीं रखते। अब प्रश्न यह उठता है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी शासन और भाजपा शासन में सासनी पुलिस कोई अन्तर नहीं मानती। अब पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाने के लिए लखनऊ जाने पर विचार कर रहा है और ऐसे भाजपा नेता की तलाश में है जो इस पीड़ित को मुख्यमंत्री से मिला दे।