प्रशिक्षण व कार्यशाला का उद्देश्य खुले में शौच जाने की प्रवृत्ति पर पूर्णतः अंकुश लगवाकर जिले को पूर्णतः ओडीएफ करना है
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी कुमार रविकान्त सिंह ने समुदाय संचालित सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी आवश्यक कार्रवाईयां पूरी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सीएलटीएस कार्यक्रम में विभिन्न प्रशिक्षण व कन्ट्रोलरूम का अहम रोल है। कन्ट्रोल रूम के जरिए जनपद की समस्त ग्रामसभाओं में संचालित सीएलटीएस की माॅनीटरिंग आसानी से की जा सकेगी। मुख्य विकास अधिकारी, डीडीओ, सीएलटीएस से सम्बन्धित अधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारियों व पर्यवेक्षकों आदि को समय समय पर अपने निर्देशों में ये भी बताते रहे कि वे स्वच्छ भारत मिशन की गाइड लाइन को विधिवत पढ़ते रहे तथा उसके अनुरूप कार्यांे का क्रियान्वयन करें। स्वच्छता, साफ सफाई और खुले में शौच जाने की प्रथा को समाप्त करने को बढ़ावा देकर लोगों के सामान्य जीवन स्तर में सुधार लाना है। इसके अलावा जागरूकता सृजन व स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्थाई स्वच्छता व आदते अपनाकर समुदाय और संस्थाओं को पे्ररित करना है। पारिस्थितकीय रूप से सुरक्षित एवं स्थाई स्वच्छता के लिए कम लागत, प्रभावी संगत प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना है। जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी केके गुप्ता के निर्देश पर अकबरपुर भुगनियांपुर स्थित पीसीएसबी मेमोरिएल कालेज में समुदाय संचालित सम्पूर्ण स्वच्छता (सी.एल.टी.एस.) के अन्तर्गत समस्त जनपद में सीएलटीएस विधा के अन्तर्गत समूह में विकास खंडबार प्रशिक्षण देने तथा सभी ग्राम पंचायतों में स्वच्छता के प्रति अलख जलाकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य व खुले में शौच से जनपद को मुक्त कराने की कल्पना को साकार करने के उद्देश्य से विश्व बैंक के सहयोग से 5 दिवसीय प्रशिक्षण की शुरूआत की गयी। प्रशिक्षण कार्यशाला को मुख्य विकास अधिकारी केके गुप्ता, डीडीओ आरआर मिश्रा तथा विश्व बैंक के प्रतिनिधि विवेक गंगवार, डीपीआरओ आदि ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण व कार्यशाला क्षेत्र में कार्य के दौरान मील का पत्थर साबित होगी। किसी भी ग्राम सभा में निवास करने वाले समुदाय की मनोवृत्ति को बदलकर ही हम उन्हें शौचालय बनवाने और उसके इस्तेमाल करने हेतु पे्ररित कर सकते हैं। इससे पूर्व भी कई मौकों पर सीएलटीएस से सम्बन्धित प्रशिक्षण आदि का आयोजन किया जा चुका है। मुख्य विकास अधिकारी केके गुप्ता ने कहा कि प्रशिक्षाणर्थी पूरे मनोयोग के साथ प्रशिक्षण में दी जा रही जानकारियों व तौर तरीकों को आत्मसात करें तथा फील्ड में जाकर लोगों को प्रेरित कर ओडीएफ के प्रति जागरूक करें। खुले में शौच जाने की परम्परा कई बीमारियों की जनक है। खुले में शौच करने से बच्चों से लेकर महिलाओं, किशोरियों, बृद्धों सभी के लिए हानिकारक है। इस बात को आदमी जानते हुए भी कि खुले में शौच जाना उसके व अन्य लोगों की सेहत के लिए हानिकारक है उस पर अंकुश नहीं लगाता है परिणाम स्वरूप नाना प्रकार की बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। इसमें ग्राम प्रधान से लेकर समस्त अधिकारी जी जान से लगकर खुले में शौच जाने वालों पर नियन्त्रण करने का प्रयास करें ताकि जनपद को पूर्णतः ओडीएफ बनाया जा सके।