हाथरस, नीरज चक्रपाणि। सासनी कस्बा के नानऊ रोड स्थित आशा नगर में मौजूद हजरत ख्वाजा सूफी हाफिज अलाउद्दीन हसन शाह बिलाली की दरगाह पर 21वां सालाना उर्स में 22 तारीख बरोज हफ्ता को महफिले शमां का प्रोग्राम किया गया। जिसमें दूर दराज से आए मशहूर कब्बालों ने अपने फन का इजहार करते हुए बाबा की शान में कब्बालियां पेश कीं। बरोज हफ्ता महफिले शमां में कब्बाल उस्मान गोपालपुर ने बाबा की शान में अपनी कब्बाली कुछ इस प्रकार पेश की कि दिल में है जो दाग उसे धोना जरूरी है, तुम्हारी याद में रोना जरूरी है। कब्बाल फरमान रामपुर ने सुनाया कि वो अजनवी तो न था मगर कहा उसने ताल्लुकात का होना बहुत जरूरी है। साजन बाबू कब्बाल मुम्बई ने सुनाया कि जो इज्जत करे दुनियां, तो लवों पर झूठ का होना बहुत जरूरी है। कब्बाल कलुआ अमरोहा ने सुनाया कि दर्द होता नहीं सभी के लिए, ये दौलत हैं किसी-किसी के लिए कब्बाल इरफान ने सुनाया कि तजुर्वे को एक जख्म जरूरी है, तुम्हे तो पहली ठोकर में संभल जाना था। इसी प्रकार अन्य शहरों से आए कब्बालों ने भी बाबा की शान में कब्बालियां पेश कीं। इस दौरान इंतजामियां कमेटी के सदर इरफान बिलाली, लतीफ सूफी, कमरूद्दीन, सुशील, बदरूज्मा, जाहिद अली फौजी, ब्रजेश कुमार, जानिब हसन, अजहार अहमद, भोला आदि का विशेष सहयोग रहा। वहीं सुरक्षा की कमान एसएचओ प्रमोद कुमार द्विवेदी ने संभाली।