सूचना विभाग की वार्षिकी देश व प्रदेश के बारे में बृहद जानकारी देता एक पठनीय ग्रन्थ: एसपी-सीडीओ
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी व मुख्य विकास अधिकारी केके गुप्त ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सूचना वार्षिकी जानकारी के लिए महत्वपूर्ण पुस्तक के साथ ही देश व प्रदेश के बारे में बृहद जानकारी उपलब्ध कराता एक पठनीय ग्रन्थ है। पुस्तक में प्रदेश की मूलभूत भौगोलिक, प्राकृतिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, साहित्यक जानकारियों के साथ-साथ प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागो द्वारा किये जा रहे विकास कार्यो की जानकारियो का भी समावेश किया गया है।आकड़े एवं ग्राफो के माध्यम से प्रदेश की उत्तरोत्तर विकास दर को दर्शाया गया है। इस गम्भीर तकनीकी प्रकाशन में प्रदेश के संगीत, कला, रंगमंच, फिल्म उद्योग में उत्तर प्रदेश की भूमिका, पत्रकारिता, स्वाधीनता आन्दोलन में प्रदेश की भूमिका उ0प्र0 एक नजर, सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं, बजट, जनपदो का क्षेत्रफल व जनसंख्या, सांस्कृति विरासत, सरकार की वेबसाइट तथा विद्यार्थियो हेतु सामान्य जागरूकता आदि क्षेत्रो की भी समुचित जानकारियाॅ प्रस्तुत की गयी है। इस पुस्तक में उत्तर प्रदेश के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों, साहित्यकारो, चित्रकारो, संगीतकारो तथा फिल्म जगत की प्रमुख विभूतियों के चित्रो को भी प्रकाशित किया गया है। पुस्तक में प्रकाशित प्रदेश के पर्यटन स्थलो के चित्र विशेष आर्कषण रखते है। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उ0प्र0 की महत्वपूर्ण ’’उत्तर प्रदेश वार्षिकी में प्रदेश के समस्त जनपदो की आधारभूत सूचनाओ को परिशिष्ट में छापा गया है जिसमें पाठको को जिले के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकती है। इस पुस्तक में शुरू में दो रंगीन मानचित्र ’’उत्तर प्रदेश व भारत’’का नक्शा के साथ ही कई महत्वपूर्ण स्थलों के रंगीन चित्र जैसे विधानसभा, ताजमहल, बुलंद दरबाजा, बौद्ध स्तूप, सारनाथ, लखनऊ की आधुनिक जीवन शैली की बेहतरीन सौगाते, सेंट कैथीड्रल, इलाहाबाद, ई-भुगतान, डिजिटल इंडिया प्रकाशित किये गये है। रंगीन ग्राफो के माध्यम से उत्तर प्रदेश की आर्थिक स्थित, विकास परक सूचनायें, जनगणना, शिक्षा, उद्योग, कृषि आदि क्षेत्रो में विकास की स्थिति को दर्शाया गया है। इस संस्करण मे ंपहली बार कुछ नयी सूचनाओ का समावेश किया गया है। जिनमें राष्ट्रीय पुरस्कारो से सम्मानित उत्तर प्रदेश की विभूतियों के नाम, साहित्यकारो के कुछ नये चित्रों तथा साहित्यकारों, भारत रत्न, परमवीर चक्र विजेता, अशोक चक्र विजेता, स्वतंन्त्रा संग्राम सेनानी, हिन्दी सहित्य की विभूतियां, संगीत एवं नृत्य की विभूतियां, संगीतकार एवं नाट्टय करमी, प्रमुख सिने विभूतियां, प्रमुख चित्रकार, खेल विभूतियां आदि सहित जनपदवार दर्शनीय स्थल आदि के कुछ नये चित्र प्रस्तुत किये गये है। केन्द्रीय मंत्रिमण्डल, प्रदेश मंत्रिमण्डल, भारत के मुख्य न्यायधीश, भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, प्रमुख राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय दिवस, प्रदेश के लोकसभा एवं राज्यसभा सदस्य, भारत रत्न से सम्मानित विभूतियाॅ, समस्त प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री, भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता आदि को सम्मिलित कर पुस्तक की सन्दर्भीय ब्यापकता को बढाया गया है। उत्तर प्रदेश से सम्बंधित सामान्य ज्ञान की पर्याप्त सामग्री समेटने वाली यह पुस्तक पिछले कुछ वर्षो से प्रतियोगी छात्रो, शोधकर्ताओ, पत्रकारो, बुद्धिजीवियों एवं जनप्रतिनिधियों में लोकप्रिय हो रही है। इस पुस्तक केा बेहतर बनाने में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों ने निःसन्देह एक सराहनीय प्रयास किया है। इस पुस्तक में प्रतियोगी छात्रों की बढ रही लोकप्रियता इस बात का संकेत है कि पुस्तक सूचनाओ से भरपूर एवं सारगर्भित सामग्री से युक्त है। उन्होने कहा कि यह पुस्तक इस दृष्टि से भी उपयोगी है कि इसमें प्रदेश की विकास योजनाओं और विकास का ब्यापक कार्यक्रम भी प्रस्तुत करती है। उत्तर प्रदेश पर आधारित सूचना विभाग का यह सन्दर्भ प्रकाशन सन्दर्भीय जानकारियों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश के बारे में बृहद जानकारी देता है। एडी सूचना से वार्षिकी की प्रशंसा करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक मनोज सोनकर, डीडीओ आरआर मिश्रा ने भी राजधानी में पुस्तक मिलने का स्थान भारत बुक संेटर, 17 अशोक मार्ग लखनऊ तथा मूल्य 325 रूपये नोट किया। सिविल सेवा परीक्षा तथा राज्यसेवा परीक्षा की तैयारी में जुटे कई छात्र छात्रों ने इस पुस्तक के योगदान में निदेशक सूचना सुदेश कुमार ओझा, अपर निदेशक डा. आरएस पाण्डेय, संयुक्त निदेशक अमजद हुसैन, उपनिदेशक हेमंत कुमार सिंह, डा. वीएच रिजवी, टीराम, गजाल जैगम, सहायक निदेशक सूचना दिनेश कुमार गर्ग, बोलगा तिवारी, सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार, अवधेश कुमार, सुधीर कुमार, प्रभात शुक्ला, एसवी अंसारी, नजीब अंसारी, ललित मोहन, कुमकुम शर्मा, दिनेश कुमार गुप्ता, चन्द्र विजय वर्मा, बोलगा तिवारी आदि सहित जनपदीय अधिकारियों के भी योगदान के साथ ही वर्तमान प्रदेश सरकार की योजनाओं, संकल्पों की भी भूरि भूरि प्रशंसा की है। उप्र वार्षिकी हिन्दी और अंग्रेजी दोनो भाषाओं में है।