Friday, April 26, 2024
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कानपुर में मरीजों के लिए शुरू हुई पहली कैंसर ओपीडी

कानपुर। बीएलके सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल ने आज कानपुर सिटी हॉस्पिटल के सहयोग से कानपुर में पहली कैंसर ओपीडी शुरू की। मरीजों को अच्छी क्वालिटी की स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने की सुविधा देने के लिए इस अस्पताल द्वारा उठाया गया। यह एक और महत्वपूर्ण कदम है। इस ओपीडी केंद्र पर सिर, गला, ब्रेस्ट, फेफड़ा, भोजन नली, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और यूरोलॉजिकल कैंसर से संबंधित विशेषज्ञ परामर्श और इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। बीएलके सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल के प्रमुख ऑन्कोलॉजी सर्जनों डॉ. सुरेंद्र डबास, सीनियर डायरेक्टर और एचओडीए सर्जिकल ऑन्कोलॉजी एंड रोबोटिक सर्जरी और बीएलके सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल के ही कंसल्टेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. हिमांशु शुक्ला के नेतृत्व में यह ओपीडी सेवा शुरू की गई है। दोनों डॉक्टर यहां महीने में एक बार आएंगे और मरीजों को कैंसर केयर संबंधी सभी अत्याधुनिक परामर्श और इलाज के बारे में बताएंगे।इस मौके पर डॉ. सुरेंद्र डबास ने कहा उत्तर प्रदेश के हालात कुछ अलग हैं, क्योंकि यहां कैंसर को लेकर जागरूकता का स्तर बहुत ही कम है। लोग हमारे पास तभी आते हैं, जब उनकी बीमारी एडवांस्ड स्टेज में पहुंच जाती है। हमारे पास यहां से ज्यादातर मामले फेफड़ेए सिर और गले या महिलाओं के कैंसर के आते हैं। महिलाओं में सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादा मामले पाए जाते हैं। वहीं पुरुषों में फेफड़े, गले और मुंह के कैंसर आम होते हैं। इनमें से ज्यादातर कैंसर के मामले लाइफस्टाइल में मामूली बदलाव करके रोके जा सकते हैं। इस ओपीडी का मकसद लोगों में कैंसर के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाना और उन्हें विशेष परामर्श देना तथा शुरुआती चरण में ही कैंसर की पहचान करना है। कैंसर की यदि शुरुआती चरण में ही पहचान हो जाती है। तो मरीज के स्वस्थ होने और अच्छी क्वालिटी के साथ लंबी आयु जीने की संभावना बढ़ जाती है।पिछले साल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ;आईसीएमआरद्ध द्वारा जारी राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में भारत में कैंसर के 13.9 लाख मामले थे। यह संख्या 2025 तक बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंच सकती है। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 में भारत में कैंसर के मामलों में तंबाकू से होने वाले कैंसर के मामलों का 27.1 फीसदी योगदान था।डॉ. हिमांशु शुक्ला ने कहा कैंसर की शुरुआती डायग्नोसिस और पहचान से मरीजों में सफल इलाज की सर्वाधिक संभावना रहती है। पिछले कुछ दशक में कैंसर केयर और व्यवस्थित उपचार प्रक्रिया में पर्याप्त सुधार आया है। जिस कारण स्वस्थ मरीजों की संख्या में भी पर्याप्त इजाफा हुआ है। मरीजों के देरी से इलाज पर उसके जीवन की गुणवत्ता और बचने की दर दोनों पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष असर पड़ सकता है। कैंसर के उपचार में इतनी तेजी से तरक्की हो रही है कि कई कैंसर मरीजों की देखभाल और उपचार का स्तर कई गुना बढ़ चुका है। हर साल हो रही नई-नई तरक्की से कैंसर मरीजों के लिए नई उम्मीदें जगती हैं। और वे फिर से स्वस्थ और सामान्य जीवन जीने की अपेक्षा करने लगे हैं।यह केंद्र अत्याधुनिक टैक्नोलॉजीए विश्व स्तरीय सुविधाओं और सर्जिकल, मेडिकल एवं रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट की अनुभवी टीमों से लैस है जो मरीजों को बेहतरीन चिकित्सा उपलब्ध कराते हैं। यहां मरीज सभी तरह के कैंसर इलाज की सुविधाए प्रक्रिया और कई ऐसे विशेषज्ञों की सलाह ले सकते हैं। जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त चिकित्सक होते हैं। इस केंद्र की नई टेक्नोलॉजी से कैंसर की डायग्नोसिस और इलाज में सुधार आया है। और मरीजों को सबसे अत्याधुनिक कैंसर चिकित्सा मुहैया कराना सुनिश्चित हो पाया है। कानपुर सिटी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. चमन कुमार वनवानी ने कहा कि हम इस ओपीडी की शुरुआत करने के लिए देश के सबसे बेहतरीन कैंसर अस्पतालों में से एक के साथ भागीदारी करने को लेकर खुश हैं। और यथासंभव ज्यादा से ज्यादा जिंदगियां बचाने की उम्मीद करते हैं। हमार प्रयास हर आम नागरिक को कैंसर संबंधी समस्याओं के बारे में नई-नई जानकारी से लैस करने का है और हमारी ओपीडी सेवा लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए परामर्श और प्रोत्साहन देगी। देश में कैंसर के मामले खतरनाक स्तर से बढ़ रहे हैं। महानगरों से दूर रहने वाले मरीजों के लिए विश्व स्तरीय कैंसर चिकित्सा प्राप्त कर पाना मुश्किल होता है और इलाज के लिए दूरदराज जाने पर ही उनका बहुत ज्यादा धन खर्च हो जाता है। यह ओपीडी कानपुर की स्वास्थ्य अधोसंरचना में एक मूल्यवान वृद्धि होगी जहां शहर और आसपास के मरीजों को अपने घर पर ही विश्व स्तरीय उपचार सुविधा मिल जाएगी। हमारी सेवाओं में सभी तरह के परामर्श और जांच सुविधाएं शामिल होंगी और मरीज को इलाज के लिए हरसंभव सेवाएं दी जा सकेंगी।