Thursday, November 28, 2024
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मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों में लगी मरीजों की भीड़

मुख्यमंत्री आरोग्य मेले में कोविड हेल्प डेस्क में मरीजों की जांच करते चिकित्सक

हमीरपुर। जनपद में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों रविवार से फिर से शुरू हो गए। जिले के सभी 33 ग्रामीण और दो नगरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित इस मेले में 1693 मरीजों की निरूशुल्क जांच और दवाइयां दी गईं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके रावत ने बताया कि शासन के निर्देश पर जिले के 33 ग्रामीण और दो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया। मेला कराने का उद्देश्य स्पष्ट है कि एक ही छत के नीचे लोगों को अधिकाधिक स्वास्थ्य सुविधाएं, जांच, उपचार और दवाएं आदि उपलब्ध हो। हमारा प्रयास है कि इस मेले से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों। उन्होंने बताया कि मेला परिसर में प्रवेश करने से पूर्व प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की गई। इन मेलों में 588 पुरुष, 838 महिलाओं एवम 267 बच्चों सहित कुल 1693 लोगों का निःशुल्क उपचार किया गया। साथ ही सभी को स्वास्थ्य, पोषण से संबंधित सलाह व परामर्श भी दिया गया। संचारी रोगों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया गया। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कुल 237 लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड एक्टिवेट किए गए। कोविड हेल्प डेस्क में आए कुल 1304 लोगों में से 236 का एंटीजन टेस्ट लिया गया। मेले में आईसीडीएस विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन भी किया गया। आज के मेलों का अनुश्रवण मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके रावत के साथ साथ अन्य अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों डा. पीके सिंह, डा. आरके यादव, डा. अनूप निगम एवं डा. महेशचंद्र द्वारा किया गया।

लाभार्थियों ने सराहा

सुमेरपुर निवासी बलराम सिंह ने बताया कि मैं मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला के आयोजन से बहुत संतुष्ट हूं। यहां तो घर के सभी लोग एक साथ आकर अपना-अपना इलाज करवा सकते हैं। मैंने भी अपनी समस्या पर डाक्टर से परामर्श ले लिया।

मेला में मिलीं सुविधाएं

 मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों में गोल्डन कार्ड बनवाने, गर्भावस्था एवं प्रसवकालीन परामर्श, पूर्ण टीकाकरण एवं परिवार नियोजन संबंधी साधनों एवं परामर्श की व्यवस्था रही। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव संबंधी जागरूकता, जन्म पंजीकरण परामर्श, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श एवं सेवाएं, बच्चों में डायरिया एवं निमोनिया की रोकथाम के साथ ही टीबी, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कुष्ठ आदि बीमारियों की जानकारी, जांच एवं उपचार की निःशुल्क सेवाएं दी गई। पीएचसी पर जो जांचें नहीं हो पाईं उन मरीजों को जांच के लिए सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।