हाथरस। किसी ने कहा है कि “बर्बाद गुलिस्तां करने को जब एक ही उल्लू काफी है हर शाख पे उल्लू बैठा है अंजामे गुलिस्तां क्या होगा” हाथरस जनपद रुपी गुलिस्ता को बर्बाद करने के लिए क्रिकेट के सट्टेबाजों ने अपना मकड़जाल युवा पीढ़ी को बर्बाद करने के लिए बुन रखा है जिसमें फसकर युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है, वही जनपद की पुलिस को इन क्रिकेट सटोरियों की जानकारी नहीं है ? या जानबूझकर अनजान बनी हुई है?जनपद में आईपीएल के सट्टे का अवैध् कारोबार फल फूल रहा है। केवल आईपीएल ही नहीं, बल्कि टी-20 से लेकर वन डे और टेस्ट सीरीज में यहां करोड़ों का सट्टा लगता है। इसे लेकर पुलिस प्रशासन अभी बेसुध् है?
क्रिकेट के सट्टे का पूरा कारोबार अब मोबाइल फोन पर सीक्रेट हो चुका है। अक्सर बड़े बुकी संचालक हर मैच के बाद अपने नंबर बदलते हैं। ऐसे में मोबाइल फोन का प्रयोग होने के बाद भी सर्विलांस की टीमें इन तक नहीं पहुंच पाती। इसके अलावा भाव जानने के लिए भी मोबाइल फोन का ही प्रयोग होता है।इसके जरिये हर गेंद और रन के साथ भाव की जानकारी भी मिल जाती है, जबकि टीवी पर यह जानकारी चंद मिनट बाद मिल पाती है। बुकी संचालकों ने डिब्बा प्रथा बंद कर दी है। अब सीधे मोबाइल फोन से भाव पता किए जाते हैं। इसके लिए बुकी संचालक कुछ कंपनियों के की-पैड मोबाइल का प्रयोग करते हैं। स्थिति यह है कि फोन पर बुकी और सटटा लगाने वाला एक दूसरे का नाम भी नहीं लेते।इसके लिए कोड का इस्तेमाल किया जाता है और सट्टेबाज अपना कोड बोलता है और सटटा लगाकर फोन काट देता है। सब कुछ तयशुदा होता है। बुकी संचालकों के ग्राहक निर्धरित रहते है। मैच में हार-जीत का भाव होता है और उसी हिसाब से देनदारी होती है। शहर में क्रिकेट का सटटा पूरे नेटवर्क के साथ चल रहा है ? लेकिन पुलिस प्रशासन इस पर लगाम नहीं कस पाया?
ऐसा नहीं है स्थानीय पुलिस को इसकी भनक नहीं है। बीते वर्षों में हुए आइपीएल मैच में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ने एक बड़े सट्टा कारोबारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जिसके कारण एक वर्ष तो आइपीएल सटटे के अवैध् कारोबार में कमी आई थी। फिर आइपीएल क्रिकेट मैच के सट्टे का कारोबार उछाल पर है?मैच प्रारम्भ होने के 10 मिनट पहले ही खेल रही दो टीमों में एक फेवरेट व एक नान फेवरेट बन उनका रेट निर्धरित हो जाता है।
-प्रति गेंद व विकेट पर लगता है दांव, साथ ही चौके-छक्के के भी होते हैं अलग-अलग रेट।
-कौन टीम कितने रन बनाएगी एवं कौन प्लेयर कितने रन बनाएगा। इसका प्रति रन अलग रेट होता है।
-एक पारी में चार बार लगता है रनों में रुपया, जिसको सेशन व लंबी कहते है।
-1 से 6 ओवर तक बनने वाले रन को सेशन बोलते है। इसके बाद 7-10 ओवर, 11-15 ओवर व 16-20 ओवर को लंबी कहते है। इसमें प्रति एक हजार के बदले एक हजार ही मिलते है।
-दूसरी पारी में स्कोर खुला होने के कारण केवल 1-6 ओवर तक केवल सेशन का ही खेल होता है।
-यह पूरा अवैध् कारोबार मोबाइल के द्वारा ही विश्वास से होता है। ग्राहक फोन द्वारा दांव लगाता है।
सूत्र बताते है कि ये अवैध कारोबारी समय समय पर अपना स्थान बदलते रहते हैं।सुत्रों के अनुसार इन स्थानों पर होता है आईपीएल अवैध् सटटे का कारोबार-
थाना कोतवाली क्षेत्र के चक्की बाजार,चामड़ गेट,दिल्ली वाला मोहल्ला, डोबराबाल गली, सादाबाद गेट, बुंजवाला कुंआ, मधुगढी, भूरापीर चैराहा, घण्टाघर, मुरसान गेट, लाला का नगला, आवास विकास कालोनी, साकेत कालोनी सहित शहर के आध दर्जन भर इलाकों में आईपीएल सटटे का कारोबार चल रहा है?
कुछ हाथरस के लोग बड़े पैमाने पर इस नेटवर्क को बाहर बैठ कर चला रहे है?
सुत्रों के अनुसार हाथरस से रोजाना करोड़ों रूपये की खाईबाड़ी होती है?वही इस अवैध कारोबार के संबंध में पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि आईपीएल सट्टे का कारोबार हाथरस में चलने की जानकारी अभी मेरे संज्ञान में नही है,आईपीएल सट्टे के कारोबार की जांच कराई जायेगी, यदि शहर में आईपीएल अवैध् सट्टे का कारोबार चल रहा है तो अभियान चलाकर सख्त कार्यवाही की जायेगी और कारोबार करने वालों को जेल भेजा जायेगा।